बरेली में तीन महीने पहले कोविड से युवक की हुई थी मौत, पर पोर्टल पर आज तक नहीं चढ़ा उसका नाम
Bareilly Coronavirus News कोरोना संक्रमण ने छोटे भाई की मौत का जख्म तो दिया ही था लेकिन स्वास्थ्य विभाग दर्द को कुरेद रहा है। ये तब है जब भाई की कोरोना से मौत होने के बाद पोर्टल पर डेटा अपलोड करने की फरियाद लेकर पहुंचने वाला शख्स दिव्यांग है।
बरेली, जेएनएन। Bareilly Coronavirus News : कोरोना संक्रमण ने छोटे भाई की मौत का जख्म तो दिया ही था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग पिछले तीन महीने से उसके दर्द को कुरेद रहा है। ये हाल तब हैं जबकि भाई की कोरोना से मौत होने के बाद पोर्टल पर डेटा अपलोड करने की फरियाद लेकर पहुंचने वाले शख्स खुद दिव्यांग है।दरअसल, बिशारतगंज निवासी महेंद्र मौर्य एक हाथ से दिव्यांग है। स्वास्थ्य विभाग में इधर से उधर आंखों में आंसू लिए महेंद्र बताते हैं कि कोविड की दूसरी लहर में छोटा भाई राजीव भी संक्रमण की चपेट में आ गया था।
पहले उन्हें 300 बेड कोविड अस्पताल में भर्ती कराया, बाद में हालत और गंभीर हुई तो उपचार के लिए राजश्री मेडिकल कालेज रेफर किया गया। महेंद्र के मुताबिक एंबुलेंस से मेडिकल कालेज ले जाते समय रास्ते में ही राजीव की मौत हो गई। करीब तीन महीने पहले मुख्यमंत्री की ओर से मृतक आश्रितों की मदद की घोषणा हुई। मृतक भाई के घर की खराब स्थिति का हवाला देते हुए आर्थिक मदद के लिए आवेदन किया। लेकिन पता चला कि भाई की कोरोना पाजिटिव रिपोर्ट प्रदेश के कोविड पोर्टल पर नहीं है। इस वजह से लाभ नहीं मिल सकता। सीएमओ आफिस में 300 बेड अस्पताल में भाई के भर्ती रहने और तीन सौ बेड अस्पताल रेफरल स्लिप समेत अन्य दस्तावेज दिखाए, लेकिन अभी तक रिपोर्ट अपडेट नहीं हुई।
करंट लगने से मजदूर की मौत : जरा सी चूक से एक मजदूर को बुधवार को बिजली का करंट लग गया। स्वजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामला परधौली गांव का है। गांव में रहने वाले 38 वर्षीय उमाशंकर मोबाइल चार्ज करने के लिए घर मे ही खुली लाइन पर चार्जर लगाने लगा। इसी दौरान वह करंट की चपेट में आ गए। काफी देर तक वह खुली लाइन पर ही चिपके रहे। जब उसकी पत्नी कमरे में पहुंची तो उमाशंकर को लाइन से चिपका देख वह चीख पड़ी। स्वजन उसे लेकर अस्पताल की ओर भागे लेकिन, डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक के घर में पत्नी प्रेमवती दो बेटे एक बेटी है।