घर बैठे मिलेगी ई - गोपाला एप से पशु पालन विभाग की हर जानकारी, इस तरह से कर सकते हैं डाउनलोड

पशुपालन विभाग में कौन सी योजना चल रही है। पशुओं में टीका लगवाने के लिए अभियान कब चलेगा। पशुओं के बीमार होने पर इलाज के लिए क्या उपचार किया जाना है। ऐसी ही जानकारी के लिए अब पशुपालकों को विभागीय अधिकारियों के चक्कर नहीं काटना पड़ेगा।

By Sant ShuklaEdited By: Publish:Mon, 25 Jan 2021 05:02 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 05:02 PM (IST)
घर बैठे मिलेगी ई - गोपाला एप से पशु पालन विभाग की हर जानकारी, इस तरह से कर सकते हैं डाउनलोड
विभाग की तरफ से ई-गोपाला एप लांच किया गया है।

 बरेली, जेएनएन। पशुपालन विभाग में कौन सी योजना चल रही है। पशुओं में टीका लगवाने के लिए अभियान कब चलेगा। पशुओं के बीमार होने पर इलाज के लिए क्या उपचार किया जाना है। ऐसी ही जानकारी के लिए अब पशुपालकों को विभागीय अधिकारियों के चक्कर नहीं काटना पड़ेगा, बल्कि वह घर बैठे स्वयं अपने मोबाइल पर विभाग से संबंधित हर जानकारी आसानी से ले सकेंगे। वजह विभाग की तरफ से ई-गोपाला एप लांच किया गया है। इसके जरिए कोई भी जानकारी पशुपालक आसानी से ले सकते हैं।

वर्तमान में जनपद में चार लाख से अधिक पशुपालक हैं, जो पशुपालन से जुड़े हुए हैं। विभाग से संबंधित जानकारी के लिए उन्हें विभागीय कार्यालय या फिर अपने क्षेत्र के संबंधित पशु चिकित्सालय जाना पड़ता था। अधिकारियों व चिकित्सकों के न होने पर बैरंग लौटना पड़ता है। जिले के पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अब ई-गोपाला एप लांच किया गया है। एप पर कोई भी पशुपालक विभाग से संबंधित जानकारी ले सकता है। इससे विभाग में नौकरी करने की इच्छा रखने व पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी जानकारी लेने में आसानी होगी।

एक नजर जिले में पशुओं की संख्या पर

भैंस - 7,07,392

गाय - 2,34,979

बकरी - 1,20,263

भेड़ - 3484

सूकर - 9,058

क्या कहना है अधिकारियों का

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ललित कुमार वर्मा का कहना है कि पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ई-गोपाला एप लांच किया गया है। सबसे पहले पशुपालक अपने मोबाइल के प्ले स्टोर पर जाकर ई-गोपाला एप डाउनलोड करेंगे। इसके बाद अपना नंबर रिजस्टर्ड करने के बाद विभाग से संबंधित हर जानकारी उनके सामने होगी। भविष्य में भी पशुपालकों को विभाग से संबंधित हर जानकारी उन्हें मिलती रहेगी। विभाग में पहले इस तरह की सुविधा नहीं थी। 

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