शाहजहांपुर की 89 साल पुरानी रामलीला की परंपरा को जानकर रह जाएंगे हैरान, चौक के मंदिर में राम करते है पूजा, लगती है राजगद्दी

Ramleela Tradition शाहजहांपुर में लाला काशीनाथ सेठ परिवार पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की विशेष कृपा है। 1932 से रामलीला के राम लक्ष्मण सीता तथा हनुमान व सेना समेत परिवार में अतिथि बनकर आते है। पूरा परिवार अल्पाहार सत्कार व पूजा आरती के साथ स्वरूपों को विदा करते हैं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 04:58 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 04:58 PM (IST)
शाहजहांपुर की 89 साल पुरानी रामलीला की परंपरा को जानकर रह जाएंगे हैरान,  चौक के मंदिर में राम करते है पूजा, लगती है राजगद्दी
शाहजहांपुर की 89 साल पुरानी रामलीला की परंपरा को जानकर रह जाएंगे हैरान

बरेली, नरेंद्र यादव। Ramleela Tradition : शाहजहांपुर में लाला काशीनाथ सेठ परिवार पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की विशेष कृपा है। 1932 से रामलीला के राम, लक्ष्मण, सीता तथा हनुमान व सेना समेत परिवार में अतिथि बनकर आते है। पूरा परिवार अल्पाहार, सत्कार व पूजा आरती के साथ स्वरूपों को विदा करते हैं। नंगू लाल मंदिर में पूजा अर्चना के बाद जनसमुद्र के बीच राम भरत मिलाप होता है। 89 साल पुरानी पंरपरा शनिवार शाम से रविवार सुबह तक करीब 15 घंटे की अवधि में भक्तिरस, आनंद और उमंग के संगम के बीच पूर्ण होगी। प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना भी पूजन के साथ साक्षी बनेंगे।

समाजसेवी शिव प्रसाद सेठ व बिशन चंद्र सेठ ने किया भा शुंभारंभ

शाहजहांपुर में रामलीला व श्रीराम राज्याभिषेक शोभायात्रा (राजगद्दी) का शुभारंभ 1932 में हुआ। ब्रिटिश शासन काल मेें समाजसेवी स्व. शिव प्रसाद सेठ व पूर्व सांसद स्व. बिसन चंद्र सेठ ने जन सहयोग से खिरनी बाग मैदान पर रामलीला का शुभारंभ किया। प्रथम वर्ष से ही श्रीराम राज्याभिषेक शोभायात्रा का शुभारंभ हुआ। रावण वध व लंका विजय के आगामी दिवस पर शाम को खिरनी बाग रामलीला मैदान से राजगद्दी शोभायात्रा का हाथी, घोड़ा, रथ, पट्टेबाजी, कुश्ती, करतब के साथ शुरू शोभायात्रा आधी रात बाद चौक पहुंचती।

जहां राम, लक्ष्मण, सीता समेत सभी स्वरूपों को सेठ परिवार अगवानी कर घर ले जाता है। जहां विश्राम, अल्पाहार, आदर सत्कार व पूजन के बाद स्वरूपों को विदा किया जाता है। वर्तमान में आठ दशक पुरानी परंपरा को प्रमोद चंद्र सेठ, सुबोध चंद्र सेठ सपरिवार निभा रहे हैं। जबकि बिशन चंद्र सेठ के सुपुत्र निर्भय चंद्र सेठ उर्फ जापान बाबू रामलीला कमेटी अध्यक्ष के रूप में रामलीला मंचन का दायित्व संभाल रहे हैं।

चौक को माना जाता है अयोध्या की सीमा, यहां के मंदिर में पूजन करते राम

नगर के चौक मुहल्ला को अयोध्या की सीमा मानकर यहां के नंगूलाल मंदिर में प्रभु श्रीराम सीता व लक्ष्मण के साथ पूजा अर्चना करते है। इसके बाद बंदनवार, झालर व फूलों से सजायी गई सड़क पर जन समुद्र के बीच राम भरत मिलाप व श्रीराम का राज्याभिषेक होता है। इस कार्यक्रम की पूरी व्यवस्था वर्तमान में सुरेंद्र सिंह सेठ निभाते है। पूर्व में राजनारायण गुप्ता का परिवार परंपरा का निर्वहन करता था। दलेलगंज के रामजानकी मंदिर पहुंचने पर वहां ओमदेव गुप्ता का परिवार स्वरूपों की पूजा अर्चना करते है। इसके बाद शोभायात्रा का विसर्जन हो जाता है।

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