Yoga Day News : पत्नी की माैत के बाद मिला याेग का सहारा, अब नहीं आते खुदकुशी करने के विचार

Yoga Day News स्टेशन रोड सिविल लाइन्स निवासी 68 वर्षीय रमेश पॉल ने बताया कि पत्नी की मौत के बाद मैं बिल्कुल डिप्रेस्ड हो चुका था। हर समय सोचता था कि आत्महत्या कर लूं। मैं पहले योग करता था।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 06:28 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 06:28 AM (IST)
Yoga Day News : पत्नी की माैत के बाद मिला याेग का सहारा, अब नहीं आते खुदकुशी करने के विचार
Yoga Day News : पत्नी की माैत के बाद मिला याेग का सहारा, अब नहीं आते खुदकुशी करने के विचार

बरेली, जेएनएन। Yoga Day News : स्टेशन रोड सिविल लाइन्स निवासी 68 वर्षीय रमेश पॉल ने बताया कि पत्नी की मौत के बाद मैं बिल्कुल डिप्रेस्ड हो चुका था। हर समय सोचता था कि आत्म हत्या कर लूं। मैं पहले योग करता था। जिसकी वजह से मैं हर बार अपने को ऐसा करने से रोक लेता था। लेकिन इतना डिप्रेस्ड हो गया था। कि जीने की चाह ही खत्म हो गयी थी। इसके बाद मैंने ओशो को फॉलो किया। जिसमें रोना, गाली देना और शांत हो जाना जैसी क्रिया कलाप करने होते हैं। इसका प्रयास किया। लेकिन स्थिति ज्यादा ठीक नहीं हुई। इसके बाद योग क्लासेज जॉइन की।

अनुलोम-विलोम, प्राणायाम, कपालभाति सहित कई योगासन करने शुरू किये। सूर्य नमस्कार और सर्वांगासन करने के बाद बहुत राहत मिली। धीरे-धीरे मैं स्थिर होता चला गया। अब बिल्कुल स्वस्थ हूं। मेरे बच्चे बाहर रहते हैं। बेटे सिंगापुर रहते हैं। बेटियों की शादी हो चुकी है। 600 वर्ग गज मेेरा निवास है। अब मैं वहां बागवानी करता हूं। खुद को व्यस्त रखता हूं। सुबह 6 बजे उठकर योगा करने के बाद ही कुछ दूसरा काम करता हूं। मैं अपने उम्र के लोग और युवाओं से यह अपील करता हूं कि योग को अपनी दिनचर्या में अवश्य शामिल करें। क्योंकि समय ऐसा चल रहा है कि हर शख्स कहीं न कहीं तनाव में है। या किसी बीमारी से पीड़ित है। दवाओं से बेहतर है कि योग का सहारा लें।

अर्ध मत्स्येन्द्रासन से खत्म होता है मधुमेह

अर्ध मत्स्येन्द्रासन से मधुमेह, रीढ़ से संबंधित तमाम रोग खत्म होते हैं। इसके साथ ही गर्दन की मांसपेशियां सशक्त एवं कंधों की क्रिया सहज होती है। गुर्दे के रोगों में भी काफी राहत मिलती है।

ऐसे करें योग

जमीन पर बैठ जाएं दाहिना पैर घुटने से मोड़ते हुए एड़ी को मूलाधार से लगाइये। बायां पैर मोड़ते हुए पंजे को दाहिनी जांघ के बराबर में घुटने के पास रखिए। दाहिना हाथ उठाकर बांये पैर के घुटने के ऊपर से लाते हुए बांए पैरे को अंगूठे को पकड़ें। बांये हाथ पीठ के पीडे से लाकर दाहिला जांघ को पकडें। इसके बाद सामान्य गति से श्वांस लें और छोड़ें। लगभग एक मिनट तक पूरी स्थिति को बनाए रखें।

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