World Hypertension Day : कोरोना संक्रमित होने के बाद इन तीन बातों का रखें ध्यान तो नहीं होंगे हाइपरटेंशन के शिकार
World Hypertension Day कोरोना संक्रमण सीधे तौर पर हमारे शरीर पर असर डालने के साथ ही पोस्ट कोविड इफेक्ट भी दे रहा है। हाइपरटेंसन यानी उच्चरक्तचाप की बीमारी भी इसमें इसमें शामिल हो चुकी है। आमतौर पर जहां इसके सामान्य केस ही मिल रहे थे।
बरेली, जेएनएन। World Hypertension Day : कोरोना संक्रमण सीधे तौर पर हमारे शरीर पर असर डालने के साथ ही पोस्ट कोविड इफेक्ट भी दे रहा है। हाइपरटेंसन यानी उच्चरक्तचाप की बीमारी भी इसमें इसमें शामिल हो चुकी है। आमतौर पर जहां इसके सामान्य केस ही मिल रहे थे। वहीं कोविड की आड़ लेकर अब यह बीमारी घातक रूप ले रही है। जिला अस्पताल के मन कक्ष में पिछले दो महीने में 30-40 मरीज कोविड संक्रमण के साथ ही हाइपरटेंसन के शिकार मिले हैं। इनमें से कुछ की मौत भी हुई।
नकारात्मक सोच वाले कोविड मरीज बनते शिकार : जिला अस्पताल के फिजीशियन डॉ.राहुल बाजपेयी बताते हैं कि हाइपरटेंसन की मुख्य वजह मानसिक तनाव है। जैसे कोविड संक्रमित होने के बाद इसकी सावधानी बरतने के अलावा नकारात्मक सोच। इससे कोरोना संक्रमित मरीजों का ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता है। इसके साथ ही हृदयगति भी लगातार बढ़ती है। कई बार यह यह इतनी तेज हो जाती है कि हार्ट फेल भी हो जाता है। ऐसे में जरूरी है कि कोविड संक्रमित होने के बाद सकारात्मक सोच के साथ सावधानी और इलाज पर ध्यान दें।
डिप्रेशन की वजह से हो जाता है हाइपरटेंसन : जिला अस्पताल में मन कक्ष के इंचार्ज मनोचिकित्सक डॉ.आशीष सिंह बताते हैं कि हाइपरटेंसन से डिप्रेशन नहीं बनता। डिप्रेशन की वजह से हाइपरटेंसन हो जाता है। शरीर के कुछ न्यूरोट्रांसमीटर बढ़ने से भी हाइपरटेंसन अधिक बढ़ जाता है। कोविड संक्रमण के दौरान खून में जमा हुए थक्के कई बार निगेटिव होने के बावजूद छोटे-छोटे जमे रह जाते हैं। इनसे भी हाइपरटेंसन की दिक्कत आती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक 30-40 फीसद लोग कोरोना संक्रमित होने के साथ ही हाइपरटेंसन था। कई ऐसे थे, जिन्होंने कोविड की वजह से ब्लड प्रेशर चेक करवाया, तब हाइपरटेंसन भी मिला।
लक्षण : हार्ट बीट तेज लगना। अधिकतम बीपी 130 से ज्यादा और न्यूनतम 80 से ज्यादा होना। सिरदर्द, बेचैनी, दिल की धड़कन बहुत तेज आना। अधिक गुस्सा या परिवार में किसी का पहले से ही हाइपरटेंसन मरीज होना (फैमिली हिस्ट्री)।
कारण : ईडियोपैथिक, दिल या किडनी की बीमारी। अत्यधिक तनाव भरी जिंदगी। टाइप-ए पर्सनालिटी (दिन भर कुछ न कुछ सोचना), बेहद व्यस्त जीवन शैली। ज्यादा आयली, नमक युक्त खानपान। व्यायाम न करना।
बचाव : 30 मिनट तक दिन में मेडिटेशन, योग या व्यायाम। अच्छी नींद (आठ से दस घंटे), पौष्टिक भोजन , एक दिन में पांच ग्राम से कम नमक लें। साल में दो से तीन बार ब्लड प्रेशर जरूर चेक कराएं। सकारात्मक माहौल में रहें।
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