Women Empowerment : विश्व बैंक में सलाहकार बनी बरेली की बेटी उजाली, जानिए गुजरात से कैसे तय किया विश्वबैंक तक का सफर

Women Empowerment रामपुर गार्डन निवासी दवा व्यापारी पंकज कुमार की पत्नी डा. हेमा वर्मा रुहेलखंड विश्वविद्यालय में होटल मैनेजमेंट विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। उनकी बेटी उजाली वर्मा ने बुधवार को विश्व बैंक नैरोबी केन्या कार्यालय में बतौर सलाहकार ज्वाइन किया।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 08:38 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 08:38 AM (IST)
Women Empowerment : विश्व बैंक में सलाहकार बनी बरेली की बेटी उजाली, जानिए गुजरात से कैसे तय किया विश्वबैंक तक का सफर
Women Empowerment : विश्व बैंक में सलाहकार बनी बरेली की बेटी उजाली

बरेली, जेएनएन। Women Empowerment : रामपुर गार्डन निवासी दवा व्यापारी पंकज कुमार की पत्नी डा. हेमा वर्मा रुहेलखंड विश्वविद्यालय में होटल मैनेजमेंट विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। उनकी बेटी उजाली वर्मा ने बुधवार को विश्व बैंक नैरोबी, केन्या कार्यालय में बतौर सलाहकार ज्वाइन किया। उजाली वर्तमान में अग्रणी कंपनी में मुंबई में सीनियर एसोसिएट कंसल्टेंट के पद पर कार्यरत हैं। वहां से अवकाश पर विश्व बैंक की सेवा ज्वाइन की है।

बरेली में जन्मी उजाली ने यहीं पढ़ाई की। 12वीं आर्मी स्कूल से किया व मंडल में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कालेज से बीए आनर्स अर्थशास्त्र की डिग्री प्राप्त की। उसके बाद एक कंपनी में दो वर्ष एनालिस्ट के पद पर कार्यरत रहीं। मां डा. हेमा ने बताया कि बचपन से ही समाज में व्याप्त असमानताओं से विचलित होने वाली उजाली ने अपनी प्रतिभा व कड़ी मेहनत को समाज के वंचित वर्ग के उत्थान के लिए टाटा ट्रस्ट ज्वाइन किया।

अपनी परियोजना में प्रोग्राम आफिसर के तौर पर गुजरात की इंचार्ज रही। उन्होंने अग्रणी अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय सामाजिक संस्थाओं से जुड़कर मुंबई व अमेरिका में कार्य किया। अब विश्व बैंक ने उजाली को केन्या में कार्य करने का मौका दिया है। वह शिक्षा ,बच्चों, युवाओं, वैश्विक विकास आदि क्षेत्र में प्रबंधन व रणनीति में कार्य करती हैं।विश्व बैंक का सर्वाधिक कार्य अफ्रीका में है व अब विश्व बैंक ने उजाली को केन्या में कार्य करने का मौका दिया है।

जहां वह विश्व बैंक व केन्या सरकार के साथ परियोजनाओं पर काम करेंगी। अभी फिलहाल वर्क फ्राम होम कर रहीं उजाली जल्द ही नैरोबी के लिए रवाना होंगी। उजाली एक अच्छी वक्ता व तैराक हैं। उन्हें कत्थक करना पसंद हैं। वह कई देशों की यात्रा कर चुके हैं। उजाली की छोटी बहन चैताली ने भी इसी वर्ष लेडी श्रीराम कालेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में बीए किया है व अग्रणी कंपनी में पब्लिक रिलेशंस व सोशल मीडिया के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं।

उजाली कहती हैं कि बच्चों को अपनी पसंद के क्षेत्र में पढ़ाई करके आगे बढ़ना चाहिए। क्योंकि आज देश में विभिन्न प्रकार के सैकड़ों क्षेत्र हैं जहां कौशल विकास कर सफलता प्राप्त कर सकते हैं। पहले की तरह जरूरी नहीं कि सिर्फ डॉक्टर व इंजीनियर ही बनें। ह्यूमैनिटीज की पढ़ाई करके भी विभिन्न क्षेत्रों में कॅरियर बना सकते हैं। डिग्री हासिल करने के साथ व्यक्तित्व विकास व कौशल विकास अत्यंत महत्वपूर्ण है।

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