बरेली में गीत-संगीत से संक्रमितों ने कोविड को हराया
कहते हैं कि गीत-संगीत भी बेहतर सेहत रखने का अच्छा जरिया है। इसे ही म्यूजिक थेरेपी कहते हैं। कोरोना को हराने में दवा और एहतियात के साथ जिले के 300 बेड कोविड अस्पताल में म्यूजिक थेरेपी भी एक हथियार बनी। वाइस आफ क्राइस्ट आराधना ग्रुप ने यह सकारात्मक शुरुआत की।
बरेली, जेएनएन : कहते हैं कि गीत-संगीत भी बेहतर सेहत रखने का अच्छा जरिया है। इसे ही म्यूजिक थेरेपी कहते हैं। कोरोना को हराने में दवा और एहतियात के साथ जिले के 300 बेड कोविड अस्पताल में म्यूजिक थेरेपी भी एक हथियार बनी। 'वाइस आफ क्राइस्ट' आराधना ग्रुप ने यह सकारात्मक शुरुआत की। ग्रुप ने समय-समय पर और संक्रमण के पीक के दौरान अस्पताल पहुंचकर मरीजों को तनाव से मुक्त करने में मदद कर उनका मनोबल बढ़ाया। संक्रमित भी गीत-संगीत से खुश और उत्साहित नजर आए। ग्रुप ने इसके लिए जिला प्रशासन से अनुमति भी ली। इस 10 लोगों के ग्रुप में अधिकांश सदस्य स्वास्थ्यकर्मी हैं। कोई सरकारी अस्पताल में नौकरी करता है तो कुछ निजी मेडिकल कालेज के स्टाफ हैं। स्टाफ नर्स तो कोई है टेक्नीशियन
'वाइस आफ क्राइस्ट' ग्रुप में 10 लोग हैं। अभिषेक कुमार मूलत: सीटी स्कैन टेक्नीशियन हैं और रुहेलखंड मेडिकल कालेज में तैनात हैं। वहीं, नीति मैसी मानसिक चिकित्सालय में स्टाफ नर्स हैं। संजय डेविड सिंह लैब टेक्नीशियन हैं। कुछ और स्वास्थ्यकर्मी भी ग्रुप में शामिल हैं। नीति इस ग्रुप में गीत गाती हैं। तनाव से घटती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
स्टाफ नर्स नीति मैसी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते तमाम लोगों के मन में गहरा डर और तनाव समा गया है। इससे लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। हार्ट अटैक होना, संक्रमण का खतरनाक कैटेगरी में पहुंचना या अन्य बीमारी हावी होने में ऐसी मनोदशा भी मुख्य वजह बनती हैं। कई केस में मरीजों की मौत भी हो जाती है।