कोरोना काल में गर्भवती की कमजोर इम्यूनिटी से नवजात को भी हो सकता है संक्रमण

15 दिन में उत्तर प्रदेश में दो मामले ऐसे आए हैं जिनमें नवजात पैदा होते ही कोरोना पॉजिटिव थे। किसी मामले में गर्भवती मां को कोरोना का संक्रमण है लेकिन बच्चा पूरी तरह स्वस्थ पैदा हुआ है। किसी मामले में मां स्वस्थ है लेकिन बच्चे को इंफेक्शन हुआ है।

By Vivek BajpaiEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 06:20 PM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 06:20 PM (IST)
कोरोना काल में गर्भवती की कमजोर इम्यूनिटी से नवजात को भी हो सकता है संक्रमण
गर्भवती की कमजोर इम्‍युनिटी नवजात के लिए हो सकती है घातक

बरेली जेएनएन : 15 दिन उत्तर प्रदेश मेंदो मामले ऐसे सामने आए जिनमें नवजात पैदा होते ही कोरोना पॉजिटिव  निकले। जिला महिला अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शैव्या ने बताया कि  कुछ वायरस ऐसे हैं जो गर्भावस्था में शिशु को प्रभावित करते हैं और कुछ नहीं। गर्भधारण के दौरान मां की प्रतिरोधक क्षमता कुछ कम हो जाती है। तब मां किसी भी वायरस से जल्दी संक्रमित हो सकती है। कोविड-19 वायरस की जांच चल रही है कि वह गर्भस्थ शिशु को कितना प्रभावित करता है। अलग-अलग मामलों में इसके अलग-अलग परिणाम सामने आ चुके हैं | किसी मामले में गर्भवती को कोरोना का संक्रमण है लेकिन बच्चा पूरी तरह स्वस्थ पैदा हुआ। किसी मामले में मां स्वस्थ है लेकिन बच्चे को इंफेक्शन हुआ है।

डॉ. शैव्या ने बताया कि मां की  सामान्य प्रतिरोधक क्षमता होने पर भ्रूण को खतरा हो सकता है | गर्भ के अंदर बच्चे को संक्रमण स बचाना है तो सबसे पहले मां को संक्रमण से बचना जरूरी है । इम्यून सिस्टम हमें  बाहर से शरीर में प्रवेश करने वाले वायरस, बैक्टीरिया, रोगों और बीमारियों से बचाता है। शरीर की अंदरूनी गड़बड़ियों को ठीक करने में मदद करता है। अगर किसी व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाए, तो वह जल्दी-जल्दी बीमारियों का शिकार होगा। हर व्यक्ति की इम्यूनिटी बहुत हद तक उसकी मां के स्वास्थ्य पर निर्भर करती है, क्योंकि गर्भ में शिशु के निर्माण के दौरान ही इम्यूनिटी बढ़ाने वाले एंटी बॉडी मां से शिशु में ट्रांसफर होते हैं। शिशु में इंटेस्टाइनल सेक्रीटरी इम्यूनोग्लोबुलिन एक ऐसा एंटीबॉडी है, जो गर्भ में रहने के दौरान शिशु को मां से मिलता है और बच्चे की इम्यूनिटी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

महिलाएं हो जाएं सजग

- हाथ साफ रखना, मास्क पहनना, शारीरिक दूरी को बनाए रखना, हाथ ना मिलाना

- जिन्हें किसी भी तरह का इंफेक्शन है या कोविड19 होने की संभावना है तो उनसे दूरी बनाए रखना

- बच्चे को मां से कुछ समय के लिए दूर रखा जाता है ताकि बच्चे को मां की सांसों या ड्रॉपलेट्स से किसी तरह का संक्रमण ना हो

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए करें सेवन

-विटामिन सी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के साथ-साथ स्ट्रेस हार्मोन को कम करता है। संतरा इसका सबसे अच्छा स्रोत है। आप इसे फल के रूप में या जूस के रूप में भी ले सकती हैं।

-दलिया के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर के लिए ज़रूरी हैं क्योंकि यह हमें ऊर्जा प्रदान करते है। ओटमील- कार्ब्स, सेलेनियम, विटामिनबी, फॉस्फोरस और कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है।

 -गर्भवती महिलाओं को फैटफ्री या लौ फैट दही, स्किम्ड दूध, सोया दूध जरूर लेना चाहिए। यह आपकी कैल्शियम की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। साथ ही पोटेशियम, विटामिन ए, डी और अन्य ज़रूरतों के लिए भी प्रोटीन और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ लेने चाहिए। जो उनके शिशु के विकास में मददगार साबित हो सकें।

- सी-फ़ूड ओमेगा-3 फैटीएसिड्स से भरपूर होता है। वह शरीर में तनाव पैदा करने वाले हार्मोन के बढ़ने पर रोक लगाने के साथ-साथ दिल की बीमारियों के खतरों को कम करने में मदद करता है। सालमन, टूना जैसी मछलियाँ ओमेगा-3 की गुडनेस से भरी होती हैं और ये एक नियमित भोजन का हिस्सा हो सकती हैं।

- साबुत अनाज   मैग्नीशियम से भरपूर होता है। ये एंग्जारयटी को दूर कर आपको शांत रहने में मदद करते हैं। साबुत अनाज जैसे साबुत गेहूं, ब्राउनराइस और जौ कुछ बेहतर विकल्प हैं। 

-हरी सब्जियों को शामिल किए बिना कोई भी आहार पौष्टिक  नहीं हो सकता। पालक, हरी सरसों, मेथी, और ब्रोकोली जैसे विकल्प सबसे अच्छे हैं। इनका सेवन करने से पहले सब्जियों को अच्छी तरह से साफ कर लें और धो कर ही प्रयोग लाएं।

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