ध्वस्तीकरण करने जा रही बरेली विकास प्राधिकरण की टीम को ग्रामीणों ने घेरा
भूमाफिया और अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई से शहर में खलबली मची है। मंगलवार को फतेहगंज पश्चिमी में तस्कर के अवैध निर्माण को ध्वस्त करने जा रही बीडीए की टीम को ग्रामीणों ने घेर लिया। रामगंगा नगर आवासीय योजना से सटे गांवों के लोगों ने बीडीए कार्यालय पर प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, बरेली : भूमाफिया और अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई से शहर में खलबली मची है। मंगलवार को फतेहगंज पश्चिमी में तस्कर के अवैध निर्माण को ध्वस्त करने जा रही बीडीए की टीम को ग्रामीणों ने घेर लिया। रामगंगा नगर आवासीय योजना से सटे गांवों के लोगों ने बीडीए कार्यालय पर प्रदर्शन किया। करीब दो घंटे बाद ग्रामीण लौटे, तब टीम कार्रवाई को निकली।
बरेली विकास प्राधिकरण ने रामगंगा आवासीय योजना से सटे 12 गांवों की करीब 745 हेक्टेयर भूमि पर विस्तारीकरण की योजना बनाई है। इस पर कई ग्रामीणों ने अपनी जमीन देने से इन्कार करते हुए विरोध किया था। तब मंडलायुक्त आर रमेश कुमार ने जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ बैठक कर भूमि का जबरन अधिग्रहण नहीं करने की बात कही थी। मामला शांत होने के बाद अचानक मंगलवार को फिर भड़क गया। कई ग्रामीण उसी वक्त बीडीए कार्यालय पहुंच गए, जब टीमें फतेहगंज पश्चिमी में तस्कर के अवैध निर्माण को तोड़ने निकल रही थीं। ग्रामीणों ने कार्यालय के बाहर ही टीम का घेराव कर दिया। अधिकारियों की गाड़ी के आगे खड़े हो गए। उन्होंने जमीन का अधिग्रहण नहीं करने की मांग की। सूत्रों के अनुसार एक नेता के इशारे पर वहां भीड़ पहुंची। ग्रामीणों ने बीडीए उपाध्यक्ष जोगिदर सिंह से मिलकर जमीन देने से मना कर दिया। उपाध्यक्ष ने लोगों को लिखित में जमीन जबरन अधिग्रहीत नहीं करने का आश्वासन दिया। इस पर लोग शांत होकर घर लौटे। इसके बाद टीम ध्वस्तीकरण के लिए निकल पाई।
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जेई और सुपरवाइजर से मांगा स्पष्टीकरण
जासं, बरेली : फतेहगंज पश्चिमी में दूसरे स्मैक तस्कर व उसकी पत्नी की अवैध मार्केट व शापिग काप्लेक्स के निर्माण में भी बीडीए की संलिप्तता सामने आ रही है। बीडीए की जानकारी के बिना आखिर कैसे अवैध निर्माण हो गया। इस बाबत बीडीए उपाध्यक्ष ने जेई और सुपरवाइजर का स्पष्टीकरण मांगा है।
स्मैक तस्कर और उसकी पत्नी ने अवैध तरीके से दुकानों, शापिग काम्प्लेक्स का निर्माण करा लिया था। इसके साथ ही बरातघर बनाने की मंशा से बाउंड्री वाल का निर्माण भी करा लिया था। इतना सब होने के बावजूद बीडीए को इसकी भनक नहीं लगी। अब जब तस्करों की अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई शुरू हुई तो मामला पकड़ में आया। इस पर मंगलवार को बीडीए की टीम ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। बीडीए उपाध्यक्ष जोगिदर सिंह ने बताया कि जनवरी में अवैध निर्माण की जानकारी हुई थी। उस वक्त नोटिस दे दिया गया था। मार्च में अवैध निर्माण गिराने के लिए आदेश जारी कर दिया गया। फिर कोरोना काल और हाईकोर्ट के आदेश के चलते अवैध निर्माण नहीं तोड़ा गया। अवैध निर्माण की जानकारी प्राधिकरण के लोगों को कैसे नहीं हो पाई इसकी जांच कराई जाएगी। उस क्षेत्र में तैनात जेई एसके सिंह और सुपरवाइजर मिट्ठन लाल से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।