Village Isolation Center News : सीएम के आदेश के बाद भी गांवों में नहीं बन सके आइसोलेशन सेंटर, जानिए क्या है हालात
Village Isolation Center News कोरोना संक्रमण अब गांवों में पहुंच चुका है। संक्रमितों को होम आइसोलेट किया जा रहा है लेकिन सभी घरों में पर्याप्त इंतजाम नहीं है। इसलिए अब ग्राम पंचायत में प्राथमिक विद्यालय और पंचायत भवनों को आइसोलेशन सेंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
बरेली, जेएनएन। Village Isolation Center News : कोरोना संक्रमण अब गांवों में पहुंच चुका है। संक्रमितों को होम आइसोलेट किया जा रहा है, लेकिन सभी घरों में पर्याप्त इंतजाम नहीं है। इसलिए अब ग्राम पंचायत में प्राथमिकत विद्यालय और पंचायत भवनों को आइसोलेशन सेंटर बनाने की प्रक्रिया तो शुरू कर दी गई है, लेकिन गांवों तक अभी आदेश ही नहीं पहुंचा है। संक्रमित घरों में ही रहे हैं, जिनसे स्वजन को संक्रमण का खतरा बना हुआ है। बाहर से आने वालों की निगरानी तो की जा रही है, पर उनकी जांच नहीं हो पा रही है।
पंचायत चुनाव में दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब से बड़ी संख्या में लोग गांव वापस आए हैं। इनमें तमाम संक्रमित भी निकले हैं। लक्षण वाले गंभीर मरीजों को तो राजकीय मेडिकल कालेज में भर्ती कराया जा रहा है, लेकिन सामान्य संक्रमित मरीजों को होम आइसोलेट ही किया जा रहा है। गांवों में बुखार, मलेरिया, डायरिया के रोगियों की संख्या भी बढ़ने लगी है। निगरानी समितियों के माध्यम से घर-घर सर्वे भी कराया जा रहा है। दवाएं भी बांटी जा रही हैं और लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।
म्याऊं ब्लाक के दियोरारा, नगरिया चिकन, सालारपुर ब्लाक के सिलहरी, अर्सिस, बल्लिया, बावट गांवों में आइसोलेशन सेंटर बनाने की शुरूआत भी नहीं हो सकी है। जबकि पिछली साल ज्यादा सख्ती बरती गई थी, बाहर से आने वालों की जांच कराकर प्राइमरी स्कूल में 14 दिन तक रोका जा रहा था। उनके खाने-पीने का भी इंतजाम कराया जा रहा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल बरेली में थे, वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के अधिकारियों को भी निर्देश दिए थे। डीएम दीपा रंजन ने सभी ग्राम पंचायतों में आइसोलेशन सेंटर बनाने का आदेश भी दिया है, लेकिन अभी धरातल पर शुरूआत नहीं हो सकी है।
गांवों में अभी होम आइसोलेट किए जा रहे संक्रमित
कोरोना महामारी की दूसरी लहर गंभीर हाे चुकी है। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सतर्कता बरतने के आदेश तो हुए हैं, लेकिन गांवों में अभी कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। कई प्रदेशों में लाकडाउन लग जाने से प्रवासियों की घर वापसी का सिलिसला जारी है। पिछली साल सभी गांवों में बाहर से आ रहे लोगों को प्राइमरी स्कूल अथवा सामुदायिक भवन में 14 दिन रोका जा रहा था, उसके बाद ही उन्हें घर जाने दिया जा रहा था।
घर पहुंच जाने वाले कई लोगों ने परिवार से अलग झोपड़ी डालकर वक्त गुजारा था। क्षेत्र के अधिकांश गांवाें में महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश से लोग लौटकर आ रहे हैं। ग्राम विकास अधिकारी सतीश कुमार का कहना है कि प्रवासी मजदूरों को घरों में ही क्वारंटाइन कराया जा रहा है। खंड विकास अधिकारी वीपी सिंह का कहना है कि प्रवासियों और संक्रमितों को अलग आइसोलेट करने की अभी कोई व्यवस्था नहीं है, संक्रमित होम आइसोलेट कराए जा रहे हैं।