नोडल प्रभारी से मिले भुता के ग्राम प्रधान, राइस मिल मालिकों को बताया राशन माफिया

भुता के ग्राम प्रधानों ने नोडल अधिकारी से मुलाकात करके तीन राइस मिलों के मालिकों को राशन माफिया बताया। आरोप था कि गेहूं और धान की खरीद में साढ़़े चार किलो प्रति क्विंटल की कटौती की जाती है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 09:42 PM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 09:42 PM (IST)
नोडल प्रभारी से मिले भुता के ग्राम प्रधान, राइस मिल मालिकों को बताया राशन माफिया
नोडल प्रभारी से मिले भुता के ग्राम प्रधान, राइस मिल मालिकों को बताया राशन माफिया

बरेली, जेएनएन। भुता के ग्राम प्रधानों ने नोडल अधिकारी से मुलाकात करके तीन राइस मिलों के मालिकों को राशन माफिया बताया। आरोप था कि गेहूं और धान की खरीद में साढ़़े चार किलो प्रति क्विंटल की कटौती की जाती है। आरोप था कि तीन सालों से भुता के इन राइस मिलरों की शिकायत की जा रही है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। भुता के बैंकों का यहां के किसानों पर 82 करोड़ का कर्ज चढ़ चुका है।

किसानों ने आरोप लगाए कि 2009 में राशन माफियाओं ने 7.23 करोड़ का घोटाला किया गया था। राइस मिलर्स ने अपने खातों में फर्जी किसानों के चेक लगाकर बड़ी जालसाजी की। किसानों ने इन फर्जी चेक की जानकारी भी नोडल अधिकारी को दी। आरोप है कि नवाबगंज, क्योलड़िया के यूपी स्टेट एग्रो में गेहूं खरीद केंद्रों पर 3.45 करोड़ की फर्जी खरीद हुई है। इसकी जांच होनी चाहिए। किसानों को उचित कार्रवाई के लिए नोडल अधिकारी ने आश्वस्त किया।

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