Urs e Shah Sharafati: कुल की रस्म में उमड़ी अकीदतमंदों की भीड़, मुल्क की सलामती के लिए की दुआ
Urs e Shah Sharafati पीर हज़रत किब्ला शाह मौलाना शराफत अली मियां के 54 वें उर्सेे पाक के चौथे और आखिरी दिन सुबह की शुरुआत नमाज़ फज्र कुरआन ख्वानी से हुई। झमाझम बारिश में नहाते हुए ज़ायरीन दरगाह शाह शराफ़त अली मियां पर आते जाते रहे।
बरेली, जेएनएन। Urs e Shah Sharafati: पीर हज़रत किब्ला शाह मौलाना शराफत अली मियां के 54 वें उर्सेे पाक के चौथे और आखिरी दिन सुबह की शुरुआत नमाज़ फज्र कुरआन ख्वानी से हुई। झमाझम बारिश में नहाते हुए ज़ायरीन दरगाह शाह शराफ़त अली मियां पर आते जाते रहे, उनकी अकीदतों पर तेज़ बारिश भी हावी न हो सकी।
बारिश के मौसम के चलते ख़ानक़ाह शरीफ़ के मेहमान खाने के अंदर सुबह 8:00 बजे तकरीरी प्रोग्राम हुआ, जिसका आग़ाज़ तिलावते कलाम पाक से किया गया। प्रोग्राम में अल्हाज मुंतखब अहमद नूर ने सदारत की और मुख्तार सकलैनी तिलहरी ने निजामत की। प्रोग्राम में खुसूसी उलमा किराम अल्लामा अज़ीज़ मुजद्दिदी ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि शरीयत पर पाबंदी के साथ अमल करें और अपने बुज़ुर्ग ए कामिल (पीर) से सच्ची पक्की मुहब्बत के साथ उनके बताए हुए रास्ते पर चलें और उनकी तालीमात पर अमल करें इसी में खैर ओ कामयाबी है
इस दौरान हसीब रौनक, आमिल ककरालवी, मौलाना अनवार, आकिब सकलैनी, फैज़ान सकलैनी ने नात ओ मनकबत के खूबसूरत कलाम पढ़ के समां बांध दिया। ठीक 11:00 बजे सज्जादानशीन हज़रत पीरो मुरशिद शाह मुहम्मद सकलैन मियां (मियां हुज़ूर) स्टेज पर आए और 54 वें कुल शरीफ़ की रस्म अदा की। कुल शरीफ़ की फातिहा पीरो मुरशिद मियां हुज़ूर ने पढ़ी।
कुल शरीफ़ के बाद पीरो मुरशिद शाह मुहम्मद सकलैन मियां हुज़ूर ने मुसलमानों की इज़्ज़त ओ हिफाज़त व मुल्क के खुशहाली, सलामती व अमन ओ सुकून के लिए खुसूसी दुआएं की। कुल शरीफ की रस्म अदाएगी में मुंतखब अहमद नूर, हज़रत गाज़ी मियां, हाफ़िज़ गुलाम गौस, सादकैन सकलैनी, सलमान सकलैनी, इंतिखाब सकलैनी, गुलाम मुर्तुजा, मुंतासिब सकलैनी, मुस्तिजाब सकलैनी, असदक सकलैनी, ऐनुल हक सकलैनी, उमम सकलैनी आदि शामिल रहे।
उर्स ए शराफती बेहद सुकून व सादगी के साथ गाइडलाइन के तहत संपन्न हो गया। इस दौरान स्टेज पर मुख्तार तिलहरी, अल्लामा आसिफ मुजद्दिदी, मौलाना रुम्मान सकलैनी, मौलाना असरार, क़ारी अनवार, ज़िया सकलैनी, मौलाना जान मुहम्मद आदि मौजूद रहे।