Urs E Rajvi : मुफ्ती असजद मियां बाेले- लड़के, लड़कियों की शादी में न करें देर, बनाए आसान
Urs E Rajvi देश विदेश से आए उलमाओं और सज्जादगान ने आला हजरत की जिंदगी पर रोशनी डाली। मुफ्ती असजद मियां ने कहा लड़का और लड़कियों की शादी में ज्यादा देर न करें। शादी को आसान बनाए मुश्किल न बनाए।
बरेली, जेएनएन। Urs E Rajvi : दरगाह ताजुश्शरिया और सीबीगंज स्थित मदरसा जामियातुर रजा में काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती मोहम्मद असजद रजा खां कादरी (असजद मियां) की सरपरस्ती व जमात रजा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उर्स प्रभारी सलमान मियां की सदारत और जमात रज़ा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां की निगरानी में उर्स ए रजवी मनाया गया। प्रोग्राम की निजामत मौलाना गुलजार ने की।
जमात के प्रवक्ता समरान खान ने बताया फज्र की नमाज बाद दरगाह ताजुश्शरिया और मदरसा जामियातुर रज़ा में कुरानख्वानी और नात-ओ-मनकबत की महफिल सजाई गई। मुख्य कार्यक्रम का आगाज मदरसा जामियातुर रजा में सुबह 10 बजे कारी शर्फोद्दीन ने तिलावत-ए-कुरान से किया। नातख्वा नसीम बरकाती, आसिफ रजा, अदनान रजा और सैय्यद कैफी अली ने नात-ओ-मनकबत का नजराना पेश किया।
देश विदेश से आए उलमाओं और सज्जादगान ने आला हजरत की जिंदगी पर रोशनी डाली। मुफ्ती असजद मियां ने कहा लड़का और लड़कियों की शादी में ज्यादा देर न करें। शादी को आसान बनाए मुश्किल न बनाए। अल्लामा जियाउल मुस्तफा ने कहा दुनियावी तालीम के साथ दीनी तालीम भी बच्चों को जरूर सिखाए, जिससे बच्चें अपने ईमान और अकीदत की हिफाजत कर सकें।
मौलाना शाहजाद आलम ने कहा बेगुनाओं को मुज्लिम ना ठहराया जाए। हुकूमत में बैठे ओहदेदार इंसाफ से काम ले। सैय्यद गियास मिया (काल्पी शरीफ़) मौलाना आबू यूसुफ, मौलाना शकील (रामपुरी), मौलाना कफील (संभाली), मौलाना फैजान रजा ने भी खिताब पेश किए। दोपहर 02:38 बजे कुल शरीफ की रस्म लाखों लोगों की मौजूदगी में अदा की गई। फातिहा मौलाना अब्दुल सत्तार रजा ने पढ़ी।
शिजरा और खुसूसी दुआ मुफ्ती असजद मियां ने की। इस मौके पर हुस्साम मियां, हुम्माम मियां, मुफ्ती आशिक हुसैन, बुरान मियां, मंसूब मियां, मौलाना शाहमत रज़ा, मौलाना शाकील, मौलाना शाहिद, मौलाना फैसल, कारी वसीम, कारी फैज़ू नबी, मौलाना जाहिद, कारी काजिम रज़ा, मुफ्ती अफजाल रजवी, मुफ्ती नश्तर फारुकी, मौलाना सैय्यद अजीमुद्दीन अजहरी, मौलाना शम्स रज़ा व उर्स कोर कमेटी से डा. मेंहदी हसन, शमीम अहमद, मोईन खान, हाफिज इकराम रज़ा खां, अब्दुल्लाह रज़ा खां आदि मौजूद रहे।
उर्स में देश-विदेश से ऑनलाइन जुड़े 35 लाख से अधिक जायरीन
आइटी सेल प्रभारी अतीक अहमद हशमती ने बताया की उर्स-ए-रजवी पर ऑनलाइन के मध्यम से ऑडियो लाइव प्रसारण किया गया। इसमें बरेली सहित देश विदेश से 35 लाख से अधिक जायरीन जुड़े। उर्स में नहीं आने वाले जायरीन ने तीनों दिन कार्यक्रम को ऑनलाइन सुना।