UP Tourism : पर्यटकों को मिलेगा अलग अनुभव, बैलगाड़ी और घोड़ागाड़ी में सवार होकर जा सकेंगे विलेज फारेस्ट
UP Tourism उत्तर प्रदेश के बरेली में बनने वाले सूबे के सबसे बड़े विलेज फारेस्ट जाने के लिए बैलगाड़ी या फिर घोड़ागाड़ी का प्रयोग करना होगा। यह निर्णय पर्यटकों को अलग अनुभव देने के लिहाज से लिया गया है। दरअसल विलेज फारेस्ट मुख्यालय से 18 किमी दूर है।
बरेली, जेएनएन। UP Tourism : उत्तर प्रदेश के बरेली में बनने वाले सूबे के सबसे बड़े विलेज फारेस्ट जाने के लिए बैलगाड़ी या फिर घोड़ागाड़ी का प्रयोग करना होगा। यह निर्णय पर्यटकों को अलग अनुभव देने के लिहाज से लिया गया है। दरअसल विलेज फारेस्ट मुख्यालय से 18 किमी दूर, मुख्य मार्ग से करीब ढाई किमी अंदर बनाया जा रहा है। वन्य क्षेत्र तक आने वालों को ग्रामीण परिदृश्य और आवागमन के साधन भी परंपरागत ही मिलेंगे। पहले मुख्यमार्ग से अंदर तक पहले पक्की सड़क बनाने की योजना थी, लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है। अब कच्ची सड़क पर मोरंग बिछाकर सड़क बनाई जाएंगी। इसपर बैलगाड़ी और घोड़ागाड़ी की सुविधा होगी।
मुख्यमार्ग के पास ही बनेगी पार्किंग
विलेज फॉरेस्ट तक घूमने आने वालों को मुख्यमार्ग के पास ही अपनी गाड़ियों को पार्क करने के लिए जगह दी जाएगी। क्यारा ब्लॉक के मांझा गांव में कृत्रिम झीलों को बनाने के लिए खोदाई भी शुरू हो चुकी है। ताकि बारिश से पहले यहां जल संचयन के लिए प्रबंध हो। मई, जून के महीने में पौधारोपण शुरू होना है। मियावाकी वनों के लिए अभी से प्रशासन की तैयारी शुरू हो चुकी है। वन विभाग का दावा है कि यहां 2.10 लाख पौधा का रोपण किया जाना है। मिट्टी की जांच भी पूरी हो चुकी है। क्योंकि रेतीली मिट्टी में हर पेड़ पनप नहीं सकते हैं।
विलेज फॉरेस्ट आने वालों को अलग अनुभव होना चाहिए। हम इसी दिशा में काम कर रहे हैं। पहले पक्की सड़क बनाने की योजना थी, लेकिन अब बदलाव किया गया है।-नितीश कुमार, डीएम बरेली