UP Roadways News : बरेली में ‘मौत का सामान’ ढो रही रोडवेज बसें, रुपयों की लालच में चालक परिचालक कर रहे यात्रियों की जान से खिलवाड़

UP Roadways News जगह थी सेटेलाइट बस अड्डा। बरेली डिपो की लखनऊ जाने वाली रोडवेज बस में पार्सल लादा जा रहा था। करीब तीन कार्टून इस बस में लादे गए। बस के चालक-परिचालक खुद पार्सल स्वामी की मदद इसकी लदान करा रहे थे।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Thu, 26 Aug 2021 04:33 PM (IST) Updated:Thu, 26 Aug 2021 04:33 PM (IST)
UP Roadways News : बरेली में ‘मौत का सामान’ ढो रही रोडवेज बसें, रुपयों की लालच में चालक परिचालक कर रहे यात्रियों की जान से खिलवाड़
UP Roadways News : बरेली में ‘मौत का सामान’ ढो रही रोडवेज बसें

बरेली, अंकित शुक्ला। UP Roadways News : जगह थी सेटेलाइट बस अड्डा। बरेली डिपो की लखनऊ जाने वाली रोडवेज बस में पार्सल लादा जा रहा था। करीब तीन कार्टून इस बस में लादे गए। बस के चालक-परिचालक खुद पार्सल स्वामी की मदद इसकी लदान करा रहे थे। ड्राइवर के बैठने की सीट के बगल में ये पार्सल रखे गए। जाहिर है, यहां खतरा बहुत ज्यादा था। लेकिन इस खतरे का चालक और परिचालक सिर्फ चंद रुपयों के लिए उठाने को तैयार थे। दैनिक जागरण के संवाददाता ने यात्रा करने की इच्छा जताते हुए अपने पार्सल को भी लोड करने के लिए चालक से कहा।

नियमानुसार चालक को रोडवेज बस अड्डे पर मौजूद वजन मशीन पर भेजकर पर्ची कटाने के लिए कहना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। चालक नियमों को ताक पर रखकर पार्सल यूं ही ले जाने को तैयार हो गया। जैसे पहले तीन पार्सल बस में चढ़ा चुके थे, वैसे ही और रखने को तैयार थे। स्पष्ट नजर आ रहा था कि चालक और परिचालक पार्सल के नाम कुछ भी ले जाने को तैयार थे। वह इसके बदले मनमुताबिक पैसे लेते। फिर चाहे पार्सल में बम ही क्यों ना रखा हो।

रुपया पकड़ाया और हो गया काम

पुराना बस अड्डे पर रुहेलखंड डिपो की कासगंज की ओर जाने वाली बस में एक आदमी ने चालक को पहले पार्सल दिया और उसके बाद 100 रुपये देकर दिए और परिचालक का मोबाइल नंबर व बस का नंबर अपने दूसरे साथी को फोन के माध्यम से साझा कर दिया।

नियमों की हो रही अवहेलना

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की तय दिशा-निर्देशों के तहत बस के अंदर कोई भी सामान बिना सवारी के नहीं जा सकता है। सवारी के साथ 20 किलो सामान ही निश्शुल्क परिवहन किया जा सकता है। इससे ज्यादा सामान होने पर उसका किराया लगेगा।

परिचालक बोले मजबूरी भी और लालच भी

रोडवेज चालक-परिचालक को सर्विस नियमों के तहत विभिन्न गंतव्यों तक यात्रियों को ले जाने के दौरान कई शहरों में नाइट स्टे करना होता है। इससे उनके खान-पान व ठहरने पर अतिरिक्त रुपये व्यय होते हैं। वेतन कम होने से कमाई के जरिए अतिरिक्त जरिए के रूप में यह विकल्प है।

यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरा

सवारी बस के पार्सल में क्या भेजा जा रहा है और क्यों भेजा जा रहा है। इसके बारे में किसी प्रकार की जानकारी नहीं होती है। इससे यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी खतरा बना रहता है। इसमें कोई भी विस्फोटक चीज आदि रखकर भेजा जा सकता है। इससे कभी भी हादसा हो सकता है।

चमका फ्लैश तो उतारा गया सिलिंडर

रेलवे व रोडवेज दोनों में ही ज्वलनशील पदार्थ ले जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। बावजूद इसके लोग चालक-परिचालक से सेटिंग करके ज्वलनशील पदार्थ ले जाते हैं। पुराना बस अड्डे में जागरण के छायाकार ने जब उत्तराखंड की बस में भरी सवारियों के बीच भरा सिलिंडर की फोटो खींची तो अधिकारी सकते में आ गए। तत्काल बस से सिलिंडर उतारा गया। हालांकि बाद में बस अड्डे के बाहर दुबारा दूसरी बस के परिचालक ने उसे बैठा लिया।

100 का नोट और आंख बंद

वैसे तो मुख्य बाइपास पर विभाग ने चेकिंग दस्ते लगा रखे हैं, लेकिन यह भी सवारी की गिनती करने के बाद वाहन में रखे पार्सल के मुताबिक रुपये लेकर अपनी आंख बंद कर लेते हैं। परिचालक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चेकिंग स्टाफ बस में पार्सल देखते ही न्यूनतम 100 रुपये देने होते हैं।

यहां के लिए होता है लदान ...

बरेली परिक्षेत्र (बरेली, रुहेलखंड, पीलीभीत, बदायूं) में कुल 669 बसें है। इसमें से सबसे ज्यादा बसें बरेली डिपो में कुल 201 बसें, रुहेलखंड डिपो में 194 बसें, बदायूं डिपो में 169 बसें, पीलीभीत डिपो में 105 बसें है। चालक परिचालक बस अड्डे पर ही बिना जांच के लगेज ले जाते कभी भी देखे जा सकते हैं। लगेज का अधिक लदान उत्तराखंड, लखनऊ, कानपुर, देहरादून, नोएडा, गाजियाबाद वाली बसों में होता है। लगेज स्वामियों से परिचालक पैसे लेकर इसकी टिकट तक नहीं बनाते और यह पैसा विभागीय कुछ कर्मचारियों की मदद से उनकी जेब में जाता है। जांच टीम की मेहरबानी के कारण बसों में बिना बुकिंग के लदे लगेज पर कार्रवाई नहीं होती।

बिना वजन व जांच के पार्सल ले जाना गलत है। सभी बस अड्डों पर इसके लिए वजन मशीन के साथ ही स्टाफ भी मौजूद हैं। रोडवेज के राजस्व को हानि पहुंचाने वाले चालक-परिचालक व चेकिंग स्टाफ के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई के निर्देश सभी एआरएम को दिए जाएंगे। - आरके त्रिपाठी, क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज

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