कस्टम नीति के विरोध में यूपी के राइस मिलर्स ने दी चेतावनी, मांगे नहीं मानी तो बंद रखेंगे राइस मिलें
UP Rice Millers Warning in Shahjahanpur राइस मिलरों ने शासन पर गलत कस्टम नीति अपनाने का आरोप लगाया है। समस्याओं का निस्तारण न होने पर इस वर्ष अपनी राइस मिलें बंद रखने का निर्णय लिया है। शाहजहांपुर राइस मिलर्स एसोसिएशन ने इस संबंध में डिप्टी आरएमओ को पत्र भेजा है।
बरेली, जेएनएन। UP Rice Millers Warning in Shahjahanpur राइस मिलरों ने शासन पर गलत कस्टम नीति अपनाने का आरोप लगाया है। समस्याओं का निस्तारण न होने पर इस वर्ष अपनी राइस मिलें बंद रखने का निर्णय लिया है। शाहजहांपुर राइस मिलर्स एसोसिएशन ने भी इस संबंध में डिप्टी आरएमओ को पत्र भेजा है। नगर में एक राइस मिल पर यूपी राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रदेश सचिव पंकज गुप्ता की मौजूदगी में बैठक हुई, जिसमें राइस मिलर निखिल गुप्ता ने कहा शासन की गलत नीतियों के कारण राइस मिल स्वामी
कई वर्षों से घाटे का दंश झेल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में चावल की रिकवरी 55 फीसद आती है जबकि प्रदेश सरकार राइस मिलर से 67 फीसद की रिकवरी के अनुपात में चावल क्रय करती है। मध्यप्रदेश में सीलिंग धान कुटाई का राइस मिलर्स को 100 रूपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान मिलता है जबकि उत्तर प्रदेश में महज 10 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किया जा रहा है। जिस कारण राइस मिल स्वामी लगातार घाटे में जा रहे हैं।
इसलिए इस वर्ष एक अक्टूबर से शुरू हो रही धान कुटाई को पूरी तरह से बंद रखेंगे। इस दौरान शिव शंकर गुप्ता, राजीव गुप्ता, राजेश गुप्ता, मोहित गुप्ता, निखिल गुप्ता, हिमांशु गुप्ता, रामदास गुप्ता, कमलेश गुप्ता आदि मौजूद रहे। शाहजहांपुर राइस मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष हरि किशोर गुप्ता, सचिव विवेक अग्रवाल ने भी संबंधित मांगों के अलावा पीसीएफ से धान सुखाई का वर्ष 2013-14 से अब तक का भुगतान कराने की मांग की है। ऐसा न होने पर धान कुटाई से इन्कार किया है।