UP Police : यूपी के इस थाने में पोस्टिंग से थर्राते है थानेदार, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

UP Police यूपी के बरेली में एक थाना ऐसा भी है जहां थानेदार पाेस्टिंग नहीं चाहते है। इस थाने में पाेस्टिंग हाेने से थानेदार थर्राते है। अगर पाेस्टिंग हाे भी गई तो थानेदार और कांस्टेबल थाने में बने आवासों पर रात में नहीं ठहरते।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 04:31 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 04:31 PM (IST)
UP Police : यूपी के इस थाने में पोस्टिंग से थर्राते है थानेदार, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान
UP Police : यूपी के इस थाने में पोस्टिंग से थर्राते है थानेदार, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

बरेली, अनुज मिश्र। UP Police : आज भी समाज में ऐसी कई किवदंतियां है, जिसे कहीं न कहीं सच माना लिया जाता है। आपको जानकार हैरानी होगी कि बरेली में एक ऐसा थाना है, जिसे कोई पाना नहीं चाहता। इस थाने का नाम है बिशारतगंज। अब तक तैनात 90 थानेदारों में 67 न सिर्फ रिवर्ट हो चुके हैं, वरन कई अनहोनी का शिकार भी हो चुके हैं। पूर्व आइजी रेंज रिटायर्ड आइपीएस राजेश पांडेय ने अपने किस्सागोई के 251वें अंक में बिशारतगंज थाने के ऐसे ही कई राज का रहस्योद्घाटन किया है। अपने ढाई वर्ष के कार्यकाल में दो इंस्पेक्टरों की मौत के साथ एक के निलंबित होने की बात कही है।

बिशारतगंज पहले अलीगंज थाने की चौकी हुआ करती थी। 1982 में बिशारतगंज थाना बना तो तीन वर्ष तक स्टेशन रोड पर किराये के भवन में इसका संचालन होता रहा। 1985 में थाना नवनिर्मित भवन में शिफ्ट हुआ। इसके बाद ही अनहोनी का दौर शुरू हुआ। धीरे-धीरे यहां तैनाती पाने वाले थाना प्रभारियों के नुकसान की चर्चा आम हो गई। 1985 से अब तक यहां करीब 90 थाना प्रभारी तैनात रह चुके हैं। वर्तमान में कार्यभार संभालने वाले इंस्पेक्टर विजय कुमार यहां के 91वें थाना प्रभारी हैं। पूर्व आइपीएस राजेश पांडेय ने किस्सागोई के 251वें अंक में बिशारतगंज थाने के बारे में कहा कि इस थाने को लेकर आम धारणा है कि यहां तैनात होने वाले एसओ के साथ कोई न कोई अनहोनी हो जाती है। थाना कैंपस में बने आवास में सिपाही और इंस्पेक्टर रात में नहीं ठहरते। इस थाने का थानेदार बनने का कोई साहस नहीं जुटा पाता।

विनोद शर्मा थे पहले थाना प्रभारी, 85 से शुरू हुआ रिवर्ट होने का दौर

विनोद शर्मा बिशारतगंज के पहले थाना प्रभारी थे। तब तक थाना स्टेशन रोड स्थित किराये की बिल्डिंग में ही संचालित होता था। 1985 में नवनिर्मित भवन में थाना शिफ्ट होने के बाद से अनहोनी का दौर शुरू हुआ। थाने के जानकार के मुताबिक, अच्छी पकड़ वाले थानेदारों को भी यहां से रिवर्ट होकर जाना पड़ा। इसमे जनक सिंह पुंडीर, पदम सिंह, धर्मवीर सिंह, केपी सिंह, दिलीप मित्तल, शुएब मियां, सुनहरी लाल यादव समेत कई नाम शामिल हैं।

चर्चा में रहे टोटके, किसी ने पाला कछुआ तो किसी ने बदली दिशा 

तैनाती पाने के बाद अनहोनी से बचने के लिए कई थानेदारों के टोटके भी चर्चा का विषय बने। इसमे सबसे पहला नाम है अनूप सिंह राठी का। अनूप ने तैनाती के समय यहां कछुआ पाला। अजय सिंह यादव का तांत्रिक अनुष्ठान चर्चा का विषय बना। विजय कुमार से पूर्व में तैनाती पाने वाले इंस्पेक्टर ब्रज किशोर मिश्र ने थाने का चार्ज संभालते ही कार्यालय की दिशा में बदलाव किया। पश्चिम से उत्तर की ओर कार्यालय की दिशा की गई। हवन पूजन के साथ थाना परिसर में उन्होंने मंदिर भी बनवाया। 

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