ATS की कार्रवाई में सामने आया चाैंकाने वाला सच, बरेली के ठेकेदार निकले म्यांमार और बांग्लादेश की महिलाओं को विदेश में बेचने वाले गिरोह के सदस्य

UP ATS Action News बरेली के दो ठेकेदार लेबर सप्लाई के नाम पर घुसपैठियों का सौदा करते थे। घुसपैठियों की एंट्री कराने के लिए ठेकेदार ही उनकी गारंटी लेते थे जिसके बाद उन्हें आसानी से कंपनियों व फैक्ट्रियों में एंट्री मिल जाती थी।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 06:05 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 08:58 AM (IST)
ATS की कार्रवाई में सामने आया चाैंकाने वाला सच, बरेली के ठेकेदार निकले म्यांमार और बांग्लादेश की महिलाओं को विदेश में बेचने वाले गिरोह के सदस्य
UP ATS Action News : ATS की कार्रवाई में सामने आया चाैंकाने वाला सच

बरेली, जेएनएन। UP ATS Action News: बरेली के दो ठेकेदार लेबर सप्लाई के नाम पर घुसपैठियों का सौदा करते थे। घुसपैठियों की एंट्री कराने के लिए ठेकेदार ही उनकी गारंटी लेते थे जिसके बाद उन्हें आसानी से कंपनियों व फैक्ट्रियों में एंट्री मिल जाती थी। म्यांमार और बांग्लादेश की महिलाओं को विदेश में बेचने वाले मानव तस्कर गिरोह के दो आरोपितों को एटीएस द्वारा बरेली की मारिया मीट फैक्ट्री से पकड़े जाने के बाद यह हैरान करने वाला सच सामने आया है। दोनों ने भारतीय पहचान पत्र, पैन कार्ड कहां से बनवाए, दोनों के पास से बरामद किये गए मोबाइल से एटीएस आरोपितों के लोकल कनेक्शन का पता लगाने में जुटी है।

27 जुलाई को एटीएस लखनऊ ने सरगना मुहम्मद नूर उर्फ नुरुल इस्लाम को दो साथियों के साथ गिरफ्तार किया था। दोनों की ही निशानदेही पर सोमवार को एटीएस लखनऊ ने मारिया मीट फैक्ट्री से अब्दुल शकूर उर्फ गनी और आले मियां को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में सामने आया था कि दोनों ही नूर के रिश्तेदार हैं और उसके ही कहने पर सीमापार कर पहुंचे। पड़ताल में सामने आया कि बारादरी के नवादा शेखान और कैंट के नकटिया मोहनपुर के रहने वाले दो ठेकेदार मीट फैक्ट्रियों में लेबर सप्लाई का काम करते थे।

एक के जरिए अब्दुल शकूर उर्फ गनी को एंट्री मिली जबकि दूसरे के जरिए आले मियां को। गनी फैक्ट्री में मीट पैकिंग का काम करता जबकि आले मियां बूचड़ का। दोनों करीब दो महीने से मारिया मीट फैक्ट्री में काम कर रहे थे। हालांकि, मारिया मीट फैक्ट्री के डायरेक्टर सरफराज ने सफाई पेश करते हुए कहा कि पकड़े गए दोनों आरोपित रहबर फूड इंडस्ट्रीज प्राइवेज लिमिटेड मोहनपुर में काम करते थे। एटीएस ने दोनों की गिरफ्तारी वहीं से की। मारिया फैक्ट्री से इसका कोई लेना-देना नहीं है। इधर, आइजी एटीएस जीके गोस्वामी की ओर से दोनों की मारिया मीट फैक्ट्री से गिरफ़्तारी की बात कही गई थी। चेहरों के मिलान से दोनों की गिरफ्तारी हुई।

मामले में कार्रवाई लखनऊ एटीएस द्वारा की जा रही है। लोकल पुलिस से इस मामले में कोई जानकारी नहीं की गई है।- रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी

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