जातियों का गणित बनाएगा जीत का समीकरण, राजनीतिक पंडिताें ने खाेली पाेटली, जानिए कैसे कर रहे जीत का आकलन
उत्तर प्रदेश में चुनाव हों और जातियों की गणित न लगाई जाए ऐसा संभव नहीं है। अब अपना जिला बदायूं तो इससे अछूता कैसे रह सकता है। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियां और दावेदारों के राजनीतिक पंडितों ने अपनी पोटली खोल ली है।
बदायूं, अंकित गुप्ता। उत्तर प्रदेश में चुनाव हों और जातियों की गणित न लगाई जाए ऐसा संभव नहीं है। अब अपना जिला बदायूं तो इससे अछूता कैसे रह सकता है। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियां और दावेदारों के राजनीतिक पंडितों ने अपनी पोटली खोल ली है। किस विधानसभा क्षेत्र में किस जाति के मतदाता कितने हैं, इसका हिसाब लगाया जा रहा है। बसपा तो दो विधानसभा क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी है, लेकिन सपा, भाजपा और कांग्रेस ने अब तक पत्ते नहीं खोले हैं। माना जा रहा है कि सभी पार्टी जातियों की गणित पूरी करने के बाद ही अपने प्रत्याशी तय करेंगी।
चुनाव की तारीखों का एलान अभी भले न हुआ हो। पार्टियों ने अपने प्रत्याशी अभी भले ही तय न किए हों। पार्टियों के गठबंधन भी अभी तय नहीं हुए हैं। लेकिन चुनाव सरगर्मी इन दिनों पूरे जोर पर है। गांव गलियों की दीवारें बताने लगी हैं कि चुनाव आ गए हैं। जहां दीवारों पर संभावित प्रत्याशियों का प्रचार लिख गया है, वहीं गमी हो या शादी दावेदारों ने अपनी पकड़ मजबूत करने को पहुंचना शुरू कर दिया है।
गांव की चौपालों से लेकर चाय की दुकानों तक चर्चा चुनाव की ही है। ऐसे में दावेदारों का पूरा फोकस अपनी जाति के साथ ही दूसरी जाति के मतदाताओं को भी साधने में भी लगा है। जिले की पांच विधानसभा सीटों पर अनुसूचित जाति, मुस्लिम, यादव, मौर्य-शाक्य और ब्राह्मण मतदाताओं पर प्रत्याशिता के दावेदारों की नजर है। वहीं सदर विधानसभा सीट पर मुस्लिम, वैश्य, कुर्मी, अनुसूचित जाति के अलावा मौर्य-शाक्य मतदाताअों को जोड़ने के लिए दावेदार जोर लगा रहे हैं।
पार्टी कार्यकर्ताओं की जुबान पर आने लगे नाम
चुनावी चर्चा में अब प्रत्याशियों के नाम और जातियों संभावनाएं सामने आने लगी हैं। जिले के सदर विधानसभा और शेखूपुर विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की बड़ी संख्या है। ऐसे में एंटी भाजपा पार्टियां इन मतदाताओं को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। इसमें सबसे आगे सपा है। माना जा रहा है कि जिले कि लगभग दो सीटों पर सपा मुस्लिम प्रत्याशी भी उतार सकती है। इसमें सदर विधानसभा सीट के अलावा शेखूपुर और सहसवान भी शामिल है। इन तीनों ही सीटों पर करीब-करीब एक लाख मुस्लिम मतदाता हैं, जो किसी को भी जिताने या हराने का काम कर सकते हैं।
वहीं भाजपा की अगर बात करें तो वह पिछली बार की तरह सभी विधानसभा में अलग-अलग जातियों के मतदाताओं को टिकट दे सकती है। इसमें सदर विधानसभा में वैश्य या कुर्मी, शेखूपुर में शाक्य या मौर्य, बिल्सी में क्षत्रिय, मौर्या और ब्राह्मण, दातागंज में क्षत्रिय, जबकि सहसवान में भाजपा यादव को चुनाव लड़ाने के मूड में दिख रही है। वहीं बिसौली में एससी सीट है ऐसे में एससी जाति का ही प्रत्याशी उतारा जाएगा। वहीं बसपा दातागंज में वैश्य और सदर सीट पर क्षत्रिय प्रत्याशी उतार चुकी है। वहीं चर्चा है कि बसपा सहसवान में मुस्लिम दावेदार पर दांव लगाने जा रही है।
अपनी जाति के लिए क्या काम किया बताओ
विधानसभा सीट पर प्रत्याशिता दावा करने वाले प्रत्याशियों से पार्टियां यह भी पूछ रहीं है कि उन्होंने अब तक अपनी जाति के लिए क्या किया। ऐसे में दावेदार पूर्व में किए गए कार्यों की रिपोर्ट बनाकर भी पेश कर रहे हैं। बसपा ने तो इसके लिए आवेदन में ही उल्लेख किया है। वहीं उनके बड़े पदाधिकारी दावेदार के बताए कार्यों की पुष्टि भी कर रहे हैं।
विधानसभा सीट वार जातिगत आंकड़े
विधानसभा सीट यादव मुस्लिम शाक्य अनुसूचित जाति अन्य
बदायूं 10 25 15 20 30
शेखूपुर 20 25 20 15 20
दातागंज 15 20 20 20 25
बिसौली 20 20 20 22 18
सहसवान 25 22 10 20 23
बिल्सी 10 20 25 20 25
नोट : सभी आंकड़े फीसद में है।