विश्वविद्यालय 30 तक लें बीएससी नर्सिग में प्रवेश

नर्सिग में प्रवेश-हाईकोर्ट की चिंता के बाद शासन ने जारी किए दिशा-निर्देश

By Edited By: Publish:Tue, 13 Nov 2018 09:24 PM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 01:45 PM (IST)
विश्वविद्यालय 30 तक लें बीएससी नर्सिग में प्रवेश
विश्वविद्यालय 30 तक लें बीएससी नर्सिग में प्रवेश
बड़ी राहत - हाईकोर्ट की चिंता के बाद शासन ने जारी किए दिशा-निर्देश - नर्सिग में प्रवेश की मोहलत के लिए दाखिल हुई थी याचिका जागरण संवाददाता, बरेली : बीएससी नर्सिग में प्रवेश से वंचित छात्र-छात्राओं को हाईकोर्ट की चिंता के बाद शासन से बड़ी राहत मिली है। राज्य चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव डॉ. रजनीश दुबे ने राज्य विश्वविद्यालयों के कुलसचिव को निर्देशित किया है कि वे 30 नवंबर तक बीएससी नर्सिग में प्रवेश करें। एडमिशन, प्रवेश परीक्षा या मेरिट, जिस भी आधार पर किए जाएं, दोनों में पारदर्शिता होनी चाहिए। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने बीएससी नर्सिग में एंट्रेंस से प्रवेश लिए थे। 30 अगस्त के करीब प्रवेश प्रक्रिया पूरी कर ली। इसके बाद प्रवेश बंद कर दिए। हालांकि, पैरामेडिकल कॉलेजों में नर्सिग की सीटें खाली रह गई। इसके बाद एसआरएमएस और केशलता नर्सिग कॉलेज ने प्रवेश की तिथि बढ़ाने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी। गत 30 अक्टूबर को उच्च न्यायालय ने नर्सिग में बड़े पैमाने पर सीट खाली होने की चिंता जताते हुए कहा कि शासन को इस पर निर्णय लेते हुए एडवाइजरी जारी करनी चाहिए ताकि यह सीटें खाली न रहे। इसके बाद शासन में प्रमुख सचिव डॉ. रजनीश कुमार दुबे ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों को पत्र जारी करते हुए कहा कि 23 अगस्त से 30 नवंबर तक नर्सिग के प्रवेश होंगे। विवि इंडियन नर्सिग काउंसिल के दिशा-निर्देशों का पालन करें। प्रमुख सचिव ने यह भी कहा कि प्रवेश परीक्षा कराने के लिए ओएमआर शीट का तरीका अपनाया जा सकता है, इससे कम समय में प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। विवि के हाकिमों पर नहीं असर उच्च न्यायालय की चिंता और शासन के आदेश के बावजूद रुविवि में नर्सिग में प्रवेश को लेकर अभी कोई सुगबुगाहट नहीं है। विवि सूत्रों के मुताबिक, अधिकारी अभी भी प्रवेश को टालने के मूड में हैं। ़ बयान-- शिक्षा विभाग की ओर से नर्सिग में प्रवेश का कोई निर्देश नहीं मिला है। अगर कोई पत्र आता है, तो उस पर अमल किया जाएगा। -प्रो. अनिल शुक्ल, कुलपति रुविवि
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