तीन तलाक अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट जाएंगे उलमा
तीन तलाक पर अध्यादेश लाकर केंद्र सरकार ने शरीयत में हस्तक्षेप किया है।
जागरण संवाददाता, बरेली : तीन तलाक पर अध्यादेश लाकर केंद्र सरकार ने शरीयत में हस्तक्षेप किया है। जब सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में एक बार में तीन तलाक को गैरकानूनी करार दे दिया है तो फिर अध्यादेश में तलाक पर तीन साल की सजा का प्रावधान क्यों किया गया? इस पर कानूनी विशेषज्ञों से मशिवरा ले रहे हैं। जल्द ही अध्यादेश के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट जाएंगे। शनिवार को दरगाह आला हजरत स्थित नूरी गेस्ट हाउस में पत्रकार वार्ता में रजा एकेडमी मुंबई के महासचिव मौलाना सईद नूरी ने यह बातें कहीं।
उन्होंने कहा कि सुप्रीमकोर्ट के फैसले से हुकूमत की मंशा मेल नहीं खाती है। सरकार जानबूझकर मुसलमानों को परेशान कर रही है। देश में गोरक्षा के नाम पर मुसलमान निशाना बनाए जा रहे हैं। संप्रदायों के बीच नफरत बढ़ रही है। यह सब रोकने के बजाय सरकार शरीयत में दखलंदाजी कर रही है। सजा के कानून से क्या असर होगा, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका हश्र भी दहेज उन्मूलन एक्ट की तरह होगा। तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि सरकार को चाहिए था कि वह व्यापक बहस और विचार-विमर्श के बाद कानून बनाती। कानून-शरीयत की रोशनी में जो तरीका निकलता उससे समाज का भला होता। मगर यह सब चुनावी फायदे के लिए किया गया है। बैठक में मुफ्ती मजहर इमाम कादरी, मौलाना ताहिर रजा, मुफ्ती मुशर्रफ हुसैन, मौलाना अनीमुल कादरी, हाजी नाजिम बेग, मौलाना शाकिर हुसैन, हाजी इकरार नूरी, मौलाना शहामत रजा, हाजी शाहिद नूरी, मौलाना महफूज आलम, मौलाना सिंकदर आदि मौजूद रहे।
हज उमरा पर फैसला वापस हो
दोबारा हज उमरा करने के लिए सऊदी अरब जाने वालों पर सऊदी सरकार ने दो हजार रियाल अतिरिक्त फीस तय की है। उलमा-ए-कराम ने इसका भी विरोध किया। चीन में बंद हो मुसलमानों पर जुल्म
उलमा-ए-कराम ने चीन में मुसलमानों की मस्जिद, मदरसों को बंद किए जाने और ज्यादती का आरोप लगाते हुए इसका विरोध किया है। इसके खिलाफ भी दिल्ली स्थित चीनी दूतावास पर मांग पत्र देंगे।