Trauma Center News : बरेली में अधिकारियों की साठगांठ से चल रहे बिना मान्यता के ट्रामा सेंटर, हो रहा जान से खिलवाड़

Trauma Center News यूपी के बरेली में एक भी ट्रामा सेंटर नहीं है...। हैरान हो गए न...। आप भी सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हाे सकता है... हम बात सरकारी दस्तावेजों की कर रहे हैं जिनमें एक्सपर्ट कमेटी के जरिए कोई जानकारी दर्ज नहीं है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 09:25 AM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 09:25 AM (IST)
Trauma Center News : बरेली में अधिकारियों की साठगांठ से चल रहे बिना मान्यता के ट्रामा सेंटर, हो रहा जान से खिलवाड़
Trauma Center News : बरेली में अधिकारियों की साठगांठ से चल रहे बिना मान्यता के ट्रामा सेंटर

बरेली, जेएनएन। Trauma Center News :  यूपी के बरेली में एक भी ट्रामा सेंटर नहीं है...। हैरान हो गए न...। आप भी सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हाे सकता है... हम बात सरकारी दस्तावेजों की कर रहे हैं, जिनमें एक्सपर्ट कमेटी के जरिए जिले में ट्रामा सेंटर होने की कोई जानकारी ही दर्ज नहीं है। यानी, जिले में दर्जनों की तादाद में खुले ट्रामा सेंटर केवल नाम के आधार पर स्वघोषित ट्रामा सेंटर हो गए। इनमें से कई बिना मानक पूरे किए धड़ल्ले से अपनी दुकानें चला रहे हैं। ऐसा नहीं है कि मुख्य सड़क पर बने इन बहुमंजिला अस्पतालों के स्वघोषित ट्रामा सेंटर होने से स्वास्थ्य महकमा अनजान है। लेकिन महकमे में लंबे समय से जमे अधिकारियों के साथ हुए गठजोड़ से सारा धंधा फल-फूल रहा है।

एक्सपर्ट कमेटी से मिलती है ट्रामा की अनुमति

वैसे तो सभी बुनियादी सुविधाएं होने के बाद निरीक्षण के बाद ही एक्सपर्ट कमेटी से ट्रामा की अनुमति मिलती है। बुनियादी जरूरतों में अस्पताल में ट्रामा मरीजों के लिए अलग व्यवस्था हो। यहां सामान्य मरीज न रखे जाएं। यहां न्यूरो, हड्डी के गंभीर रोगी का ट्रामा, पेट के रोगी का ट्रामा इत्यादि सुविधाएं हों। आइसीयू, ब्लड बैंक, एमआरआइ व सीटी स्कैन की सुविधा जरूरी है। इसके बावजूद प्राइवेट अस्पतालों में अगर सभी सुविधा है तो भी वह ट्रामा यूनिट ही कहलाएगा।

जिले में एक्सपर्ट कमेटी का ही पता नहीं

एक और हैरत भरी बात कि ट्रामा यूनिट की अनुमति के लिए जो एक्सपर्ट कमेटी होती है, जिले में ऐसी कोई कमेटी रही है इसका भी स्वास्थ्य कर्मचारियों और अधिकारियों को पता नहीं है। बताया जाता है कि सरकारी दस्तावेजों में ट्रामा यूनिटों का पंजीकरण इसीलिए शून्य है कि अधिकारी जवाबदेही से बच सकें।

हाईवे किनारे खुले प्रमुख अस्पतालों का ही रिकार्ड 

स्वास्थ्य महकमे से ट्रामा सेंटरों का रिकार्ड मांगा गया तो पता चला कि हाईवे या शहर के प्रवेश मार्ग किनारे बने मेडिकल कालेज और प्रमुख अस्पतालों का ही ब्यौरा यहां पर दर्ज है। इनकी संख्या भी करीब डेढ़ दर्जन ही है। इनमें भी आंखों के अस्पताल, मेटरनिटी जैसी सुविधाओं वाले अस्पताल भी हैं।

शहर में ट्रामा सेंटरों या यूनिट की स्थिति का निरीक्षण कराया जाएगा। मानक के विपरीत मिलने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। - डा.बलवीर सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बरेली

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