Transfer Express : विधानसभा चुनाव को लेकर बरेली में चली तबादला एक्सप्रेस, 149 इंस्पेक्टरों के हुए तबादले, एडीजी जोन ने जारी की लिस्ट
Transfer Express विधानसभा चुनाव 2022 से पहले जिले में तीन साल पूरे कर चुके 149 इंस्पेक्टरों का तबादला किया गया। बरेली रेंज में 73 और मुरादाबाद रेंज में 76 इंस्पेक्टरों को मूल तैनाती से हटाकर दूसरे जिलों में भेजा गया है। मुरादाबाद से आए
बरेली, जेएनएन। Transfer Express: विधानसभा चुनाव 2022 से पहले जिले में तीन साल पूरे कर चुके 149 इंस्पेक्टरों का तबादला किया गया। बरेली रेंज में 73 और मुरादाबाद रेंज में 76 इंस्पेक्टरों को मूल तैनाती से हटाकर दूसरे जिलों में भेजा गया है। मुरादाबाद से आए अशोक कुमार कंबोज, दीपचंद्र और हरेंद्र सिंह को बरेली जिले में ही तैनाती दी गई है। बरेली के पांच इंस्पेक्टरों को पीलीभीत, 12 इंस्पेक्टरों को बदायूं और 11 इंस्पेक्टरों को शाहजहांपुर में तैनाती दी गई है।
मुरादाबाद भेजे गए रेंज से सात इंस्पेक्टर
बरेली रेंज के सात इंस्पेक्टरों को मुरादाबाद रेंज भेजा गया है। गश्ती में बरेली जिले के अधिकांश थानाें के प्रभारी निरीक्षक गैर जनपद भेजा गया है। सिरौली थाने के प्रभारी निरीक्षक के के वर्मा, फतेहगंज पूर्वी के सुरेंद्र कटियार सुभाषनगर के नरेश त्यागी, शीशगढ़ के योगेश कुमार, एंटी रोमियो से लोकेश शरण को पीलीभीत जिले में भेजा गया है।
कोतवाली से इंस्पेक्टर क्राइम शाहिद अली, प्रभारी निरीक्षक किला राजकुमार तिवारी, फतेहगंज पश्चिमी से सुरेंद्र सिंह पचौरी, एएचटीयू से सुरेंद्र सिंह यादव, हाफिजगंज से अवनीश यादव, इज्जतनगर से सतीश कुमार, आंवला से मनोज कुमार सिंह, प्रेमनगर के इंस्पेक्टर क्राइम अश्वनी कुमार और भोजीपुरा से मनोज कुमार को बदायूं भेजा गया है। बहेड़ी के प्रभारी गीतेश कपिल, बिथरी के मनोज त्यागी, सीबीगंज के केवी सिंह को शाहजहांपुर जिले में तैनाती दी गई है।
चुनाव को देखते हुए चलाई गई तबादला एक्सप्रेस
विधानसभा चुनाव को देखते हुए पुलिस महकमे में चली तबादला एक्सप्रेस ने जहां कई इंस्पेक्टरों के मंसूबो पर पानी फेर दिया।वहीं विभाग में हुई इस उथल पुथल से पुलिस कर्मी भी परेशान है।पुलिस विभाग के अफसरों की मानें ताे स्थानांतरित किए गए इंस्पेक्टरों में कई इंस्पेक्टर ऐसे थे जो एक जिले में अपने तीन साल पूरा करने के बाद भी जमे हुए थे। इसके अलावा चुनाव व्यवस्था को लेकर किए गए इस स्थानांतरण से तीन साल में ट्रांसफर होने के मानकों का भी पालन हो रहा है। हालांकि ट्रांसफर रुकवाने के लिए भी पुलिस कर्मियों की जोर आजमाइश भी शुरू है।