Tourism : झुमका के बाद पांचाल राज्य की राजधानी अहिच्छत्र से भी होगी बरेली की पहचान

फिल्म मेरा साया के ‘झुमका गिरा रहे बरेली के बाजार में’ गाने से बरेली और झुमका का नाता पहचान की तरह स्थापित हो चुका है। दिल्ली की तरफ से आने वाले यात्रियों को बरेली के एंट्री प्वाइंट पर झुमका की डिजाइन एहसास कराती है कि वह बरेली आ चुके हैं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 02:56 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 02:56 PM (IST)
Tourism : झुमका के बाद पांचाल राज्य की राजधानी अहिच्छत्र से भी होगी बरेली की पहचान
Tourism : झुमका के बाद पांचाल राज्य की राजधानी अहिच्छत्र से भी होगी बरेली की पहचान

बरेली, जेएनएन। फिल्म मेरा साया के ‘झुमका गिरा रहे, बरेली के बाजार में’ गाने से बरेली और झुमका का नाता पहचान की तरह स्थापित हो चुका है। दिल्ली की तरफ से आने वाले यात्रियों को बरेली के एंट्री प्वाइंट पर झुमका की डिजाइन एहसास कराती है कि वह बरेली आ चुके हैं। अब यही कवायद शाहजहांपुर और पीलीभीत हाइवे पर भी होगी। तैयार योजना में शाहजहांपुर की तरफ हाईवे पर सौंदर्यीकरण के लिए फव्वारा लगवाया जाएगा। साथ ही अहिच्छत्र की डिजाइन को लगवाया जा सकता है।

बरेली प्रशासन और विकास प्राधिकरण ने दिल्ली की तरफ से आने वाले हाईवे पर पीपीपी मॉडल के जरिए पीतल की झुमका की डिजाइन लगवाई थी। डीएम नितीश कुमार ने शहर में आने वाले बाकी एंट्री प्वाइंट के सौंदर्यीकरण की योजना भी तैयार की है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट या पीपी मॉडल के जरिए यहां बरेली की पहचान की डिजाइन बनाई जाएंगी।

शाहजहांपुर की तरफ से शहर में दाखिल होने वाले चौराहा पर एक द्वार बनाया जा सकता है। जोकि नाथ नगरी की डिजाइन पर होगा। इसपर सात सिद्धपीठ मंदिर होंगे। धार्मिक नगरी का भाव इस द्वार से आएगा। साथ ही, चौराहा पर फव्वारा के साथ आंवला के अहिच्छत्र की डिजाइन होगी।

कुछ ऐसी ही योजना पीलीभीत हाईवे पर बनाई गई है। एंटी प्वाइंट के सौंदर्यीकरण की यह योजना डीएम नितीश कुमार ने तैयार की है। बरेली की पहचान के लिए नाथ नगरी, दरगाह आला हजरत, सूरमा, झुमका और अहिच्छत्र का मुख्य माना गया है। मंदिराें में नक्षत्रशाला बनाने के प्रोजेक्ट पर बीडीए पहले ही काम कर रहा है। डीएम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के एंट्री प्वाइंट के सौंदर्यीकरण के लिए योजना तैयार की है। लेकिन पीपीपी मॉडल पर सौंदर्यीकरण कराने का विकल्प खुला छोड़ा गया है।

महाभारतकाल में पांचाल राज्य की राजधानी था अहिच्छत्र

रुहेलखंड नाम से विख्यात होने के पहले बरेली सहित आसपास का क्षेत्र प्राचीनकाल में पांचाल राज्य हुआ करता था। महाभारतकाल में अहिच्छत्र पांचाल राज्य की राजधानी रहा है। द्रोपदी इसी राज्य की राजकुमारी थीं। पांचाल जनपद का प्रामाणिक इतिहास ई.पू. छठी शताब्दी से मिलता है। तब यह 16 जनपदों में से एक था। चीनी चात्री ह्वेनसांग और उसके बाद 11वीं सदी में आए अल बरूनी ने भी अहिच्छत्र का उल्लेख एक वैभवशाली नगर के रूप में किया है।

शहर के सभी एंट्री प्वाइंट का सौंदर्यीकरण होना है। यह इस तरह होगा कि आने वालों को एहसास हो कि वह बरेली में दाखिल हो रहे हैं। दिल्ली की तरफ से आने वालों को झुमका देखने को मिलता है। अब शाहजहांपुर और पीलीभीत की तरफ से आने वाले हाइवे पर डिजाइन तैयार कराए जाएंगे। - नितीश कुमार, डीएम बरेली 

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