मां को सदमे से बचाने के लिए बलिदानी के भाई सुखवीर ने किया था ये काम, रिपाेर्ट पढ़कर छलक आएंगे आंखाें से आंसू
Saheed Saraj Singh 11 सितंबर सुबह लगभग 11 बजे जब भाई सारज के शहीद होने की सूचना मिली पैरो से मानो खिसक गई। मां हृदय रोगी हैं। उन्हें सदमा न लगे यह सोचकर आंसू पी गया। आधे घंटे बाद भाभी बलजिंदर कौर को बताया।
बरेली, जेएनएन। Saheed Saraj Singh : 11 सितंबर सुबह लगभग 11 बजे जब भाई सारज के शहीद होने की सूचना मिली, पैरो से मानो खिसक गई। मां हृदय रोगी हैं। उन्हें सदमा न लगे यह सोचकर आंसू पी गया। आधे घंटे बाद भाभी बलजिंदर कौर को बताया। उन्होंने भी किसी को कुछ बताने से मना किया, लेकिन मां हम लोगों के उतरे चेहरे पढ़कर आशंकाओं से घिर गईं। उके मोबाइल पर कोई काल न कर दे इसलिए सिम निकालकर उसकी जगह कागज रख दिया।
यह बताते बलिदानी सारज सिंह के बड़े भाई सैनिक सुखवीर सिंह फफक कर रो पड़े। बोले मां मोबाइल पर बात न होने पाने के लिए नेटवर्क चेक करने को कहती थी। उन्हें भरमाने के लिए नेटवर्क चेक करने का नाटक भी किया। बात न होने मां खुद कई बार छत पर गई। सुखवीर बोले मां को परेशान होते देख बड़ा दुख हो रहा था। वह सारज से बात कराने की जिद करने लगी, तो मैने बहाना बना दिया। कहा कि उनका फोन स्विच आफ है। पिता विचित्र सिंह भी पूछने लगे...बात क्या है। उनके सामने कमजोर पड़ गया। शाम को उनके गले लगकर राेने लगा। तो उन्हें भी लगा कि कुछ अनहोनी हुई है।
दूसरे दिन मां को बताया कि नाराज हाे गए सारज
सेना से छुट्टी लेकर आए सुखवीर सिंह बोले 12 अक्टूबर को मां सारज सिंह से बात कराने की जिंद पर अड़ गई। तब वह मां से लिपटकर रो पड़े। बोले सारज अब हम लोगों से नाराज हो गए। वह कभी हमसे बात नहीं करेंगे। यह सुन मां बेहोश हो गई।
मोबाइल पर देखते रहे खबर, डिश का निकाल दिया तार
सुखवीर बताते है मां टीवी पर खबर न देख लें, इसलिए टीवी के डिश का तार भी निकाल दिया। वह टीवी को ठीक करने के लिए भी कहती रही।