ठगों ने बांट दिए रेलवे व स्वास्थ्य विभाग के फर्जी नियुक्ति पत्र

आवेदन पत्र इंटरव्यू और नियुक्ति पत्र..सबकुछ फर्जी। इन्हीं के सहारे संविदा कर्मचारियों ने महिलाओं से ठगी कर ली। आरोप है कि पहले रेलवे में भर्ती कराने का झांसा दिया बाद में जिला महिला अस्पताल में कंप्यूटर आपरेटर पद पर नियुक्ति का फर्जी पत्र दिया गया। तीनों आरोपितों के खिलाफ तहरीर दी गई है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 07:57 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 07:57 PM (IST)
ठगों ने बांट दिए रेलवे व स्वास्थ्य विभाग के फर्जी नियुक्ति पत्र
ठगों ने बांट दिए रेलवे व स्वास्थ्य विभाग के फर्जी नियुक्ति पत्र

जागरण संवाददाता, बरेली : आवेदन पत्र, इंटरव्यू और नियुक्ति पत्र..सबकुछ फर्जी। इन्हीं के सहारे संविदा कर्मचारियों ने महिलाओं से ठगी कर ली। आरोप है कि पहले रेलवे में भर्ती कराने का झांसा दिया, बाद में जिला महिला अस्पताल में कंप्यूटर आपरेटर पद पर नियुक्ति का फर्जी पत्र दिया गया। तीनों आरोपितों के खिलाफ तहरीर दी गई है।

निजी कंपनी में काम करने वाली शास्त्रीनगर निवासी सीमा तिवारी का सुभाषनगर निवासी संतोष सक्सेना परिचय था। वह जिला महिलाअस्पताल में आउटसोर्सिंग कर्मचारी है। पिछले साल उसने सीमा से कहा कि रेलवे में टिकट कलेक्टर के पद पर नौकरी दिला सकता है। सीमा झांसे में आई तो उसने साथी कर्मचारी जितेंद्र व जयपाल से मुलाकात कराई। नियुक्ति के बदले 2.60 लाख रुपये का खर्च बताकर 10 फरवरी 2020 को 49 हजार रुपये ले लिए।

लखनऊ में कराया इंटरव्यू

सीमा का कहना है कि पिछले साल फरवरी में आरोपित लखनऊ के आलमबाग ले गए। वहां एक कार्यालय में कागजों का सत्यापन, मेडिकल व इंटरव्यू कराया। इनसे जुड़े सभी लोग गिरोह के सदस्य थे, मगर भांप नहीं सकी। लगा कि प्रक्रिया पूरी हो गई है, इसलिए बाकी रकम भी दे दी। इसके बाद लाकडाउन लग गया तो आरोपितों को बहाना मिल गया।

ग्रामीण विकास मिशन का फर्जी पैड और हस्ताक्षर

पिछले साल जुलाई में लाकडाउन के बाद हालात सामान्य होने पर सीमा ने दोबारा रेलवे में ज्वाइनिंग कराने का दबाव डाला तो आरोपितों ने कहा कि इसमें देरी लग रही। ग्रामीण महिला विकास मिशन में कंप्यूटर आपरेटर पद की नियुक्तियां निकली हैं, उसी में करा दे रहे। इसके बाद आरोपितों ने महाराणा प्रताप जिला महिला अस्पताल में कंप्यूटर आपरेटर पद का आवेदन भरवाया। इसके बाद नियुक्ति पत्र दे दिया, जिसमें महिला विकास मिशन, नई दिल्ली के डायरेक्टर के हस्ताक्षर भी बना दिए गए। पत्र में 21 हजार पांच सौ रुपये प्रतिमाह वेतन की बात लिखी थी। आठ सितंबर 2020 को जारी इस पत्र पर ज्वाइनिंग की तारीख 15 सितंबर लिखी थी। सीमा जब तय तारीख पर पहुंची तो विभाग में बताया गया कि कोई जगह खाली नहीं है और नियुक्ति पत्र फर्जी है।

सीमा की सहेली से भी ठगी

जिला अस्पताल में भर्ती प्रक्रिया के दौरान ही सीमा ने अपनी सहेली को इस बारे में बताया। आरोपितों ने एडवांस के तौर पर उनसे भी 30 हजार रुपये ले लिए थे।

आरोपित बोला, आग लगा लूंगा

कई दिन से चक्कर लगा रहीं सीमा ने शनिवार को सीएमएस डा. अलका शर्मा को पूरा प्रकरण बताया। उन्होंने संतोष को बुलाया तो वह आरोपों को गलत बताने लगा। सवाल होने पर कहने लगा कि मैडम यदि मैं गलत फंसा तो खुद को आग लगाकर जान दे दूंगा। कार्यालय में हंगामा करने लगा, जिस पर पुलिस बुला ली गई। सीमा ने कोतवाली में तीनों के खिलाफ तहरीर दी है। सीमा इससे पहले प्रेमनगर थाने में शिकायत कर चुकीं, मगर वहां समझौता करा दिया गया। उसके तहत संतोष ने जो चेक दिया, वह बाउंस हो गया था।

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प्रेमनगर पुलिस ने करा दी थी पंचायत, आरोपित के पक्ष में संविदा कर्मचारी

सीमा बोलीं, प्रेमनगर थाने में शिकायत की तो पुलिस ने समझौता करा दिया। आरोपितों ने रकम वापसी के जो चेक दिए, वे बाउंस हो गए। कहा कि उन्हें आशंका थी, इसलिए मुकदमा दर्ज कराना चाहती थीं, मगर प्रेमनगर पुलिस ने दबाव बनाकर मामला रफादफा करा दिया। शनिवार को जब संतोष को फंसता देखा तो साथी संविदा कर्मचारी उसके पक्ष में आ गए। कहने लगे कि तहरीर देने से कोई फायदा नहीं, यही मामला निपटा लो।

पहले भी हो चुकी भर्ती के नाम पर ठगी

इससे पहले तीन सौ बेड अस्पताल में भर्ती के नाम पर ठगी हो चुकी है। तब जिला महिला अस्पताल के बड़े बाबू समेत अन्य पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी। पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी कर जेल भेजा था।

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मामला संज्ञान में आया है। कोतवाली पुलिस को जांच कर आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिये गए है।

- यतींद्र सिंह नागर, सीओ प्रथम

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