कांग्रेस के प्रदेश महासचिव समेत तीन ने दिया इस्तीफा, प्रदेश अध्यक्ष बोले- ऐसे लोग पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाने का कर रहे थे काम

UP Congress News कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ब्रम्हस्वरूप सागर ने गुटबाजी व अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को पत्र लिखते हुए महासचिव पद व पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दिया है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 12:30 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 12:30 PM (IST)
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव समेत तीन ने दिया इस्तीफा, प्रदेश अध्यक्ष बोले- ऐसे लोग पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाने का कर रहे थे काम
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव समेत तीन ने दिया इस्तीफा

बरेली, जेएनएन। UP Congress News : कांग्रेस के प्रदेश महासचिव ब्रम्हस्वरूप सागर ने पार्टी में गुटबाजी एवं अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को पत्र लिखते हुए ब्रम्ह स्वरुप ने महासचिव पद व पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दिया है। दिए गए पत्र में उन्होंने त्यागपत्र देने का कारण पार्टी में पनपती गुटबाजी व अनुशासनहीनता बताया है।

त्यागपत्र की कॉपी को पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को दिया है। बता दें कि इससे पहले ब्रम्ह स्वरुप समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी में भी रहे हैं। वहीं देर शाम प्रदेश सचिव अली अब्बास, पूर्व शहर विधानसभा प्रत्याशी इंजी अनीस अहमद खां ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।

ब्रम्हस्वरूप सागर समेत अन्य लोगों के पार्टी छोड़ने पर महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है। ऐसे कुछ मौकापरस्त लोगो के आने जाने से पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। बरेली कांग्रेस के कार्यकर्ता आज खुद को आजाद महसूस कर रहे हैं, ऐसे लोग पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाने का काम कर रहे थे। पूरी बरेली की कांग्रेस एकजुट है, पार्टी का एक एक कार्यकर्ता जोश से लबरेज है।

हम संगठन निर्माण में तेजी से लगे हुए हैं और अब कार्यकर्ता ऐसे महत्वाकांक्षी लोगो के जाने बाद दोगुनी ताकत से लोगो के बीच जाकर उनके मुद्दे पर काम कर पाएंगे। पार्टी ने उन्हें वो सम्मान दिया जो उन्हें किसी भी पार्टी में नहीं मिला। ऐसे लोग किसी भी संगठन के वफादार नहीं होते हैं। तीन-तीन दलों में रहने के बाद ये केवल स्वहित ही देखते हैं इनका जनता से कोई सरोकार नहीं है।

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