Makar Sankranti : कोरोना का दिखा त्योहार पर असर, पिछले साल की अपेक्षा कम संख्या में लोगों ने किया स्नान-दान
सूर्य उपासना का पर्व कहे जाने वाले मकर संक्रांति त्योहार पर ठंड के साथ कोरोना का असर भी देखने को मिला। इस बार रामगंगा नदी के किनारे लाखों की संख्या में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालु सैकड़ों में ही सिमट कर रह गए।
बरेली, जेएनए। सूर्य उपासना का पर्व कहे जाने वाले मकर संक्रांति त्योहार पर ठंड के साथ कोरोना का असर भी देखने को मिला। इस बार रामगंगा नदी के किनारे लाखों की संख्या में डुबकी लगाने वाले श्रद्धालु सैकड़ों में ही सिमट कर रह गए। स्नान, दान का महत्व वाला मकर संक्रांति का पर्व भी कोरोना की भेंट चढ़ गया। गंगा किनारे बैठे दान लेने वाले भी श्रद्धालुओं के आने का इंतजार करते रहें। सुबह पांच से सात बजे तक केवल अधिकतम सात सौ लोग ही स्नान के लिए पहुंचे, लेकिन धूप निकलने के साथ ही गंगा घाट के किनारे सन्नाटा पसर गया।
मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में रामगंगा नदी तट पर स्नान का सिलसिला भोर में ही आरंभ हो गया। सूर्य का मकर राशि में प्रवेश दिन में दो बजकर तीन मिनट पर ही हो गया था। ठंड के बीच भोर में चार बजे से सुबह सात बजे तक सात सौ लोग ही स्नान को पहुंचे। मकर संक्रांति पर रामंगगा तट पर स्नान करने वालों की भारी भीड़ की उम्मीद में जिला व पुलिस प्रशासन ने भी व्यवस्था कर रखी थी। इसके लिए काफी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया था। वहीं दुकानदारों ने भी त्योहार के चलते दुकानदारी की उम्मीद लगा रखी थी। यही वजह थी कि दुकानें भी काफी संख्या में सजी थी। हर बार बड़ी संख्या में मकर संक्राति पर लोग न सिर्फ स्नान करते थे बल्कि दान भी देते थे क्योंकि इस दिन स्नान के साथ दान का भी विशेष महत्व है। हालांकि इस पर कोरोना औऱ ठंड के चलते लोगों की इस मौके पर भीड़ नहीं जुटी। वही जिन दुकानदारों ने दुकानें लगी रखी थी। वह भी लोगों के न आने से निराश दिखे तो पंडा भी खाली बैठे रहे। हालांकि दोपहर बाद यहां से दुकानदार भी वापस लौट गए।