आज रात से बदायूं के इन रूटों पर रहेगी नो एंट्री, ककोड़ा मेला के लिए पुलिस ने डायवर्ट किए कई रूट

Badaun Kakoda Mela 2021 रुहेलखंड के मिनी कुंभ कहे जाने वाले ककोड़ा मेला लगाए जाने की तैयारी जोरों पर चल रही है। 18 से 20 नवंबर तक अधिक भीड़ होने का अनुमान है। ककोड़ा मेले को जाने वाले मार्गों पर जाम न लगे इसके लिए रूट डायवर्जन किया जाएगा।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Tue, 16 Nov 2021 08:50 AM (IST) Updated:Wed, 17 Nov 2021 10:25 AM (IST)
आज रात से बदायूं के इन रूटों पर रहेगी नो एंट्री, ककोड़ा मेला के लिए पुलिस ने डायवर्ट किए कई रूट
गंजडुंडवारा से आने वाले वाहनों को भी कछला होकर निकालने की तैयारी

बरेली, जेएनएन। Badaun Kakoda Mela 2021 : रुहेलखंड के मिनी कुंभ कहे जाने वाले ककोड़ा मेला लगाए जाने की तैयारी जोरों पर चल रही है। यहां 18 नवंबर से 20 नवंबर तक अधिक भीड़ होने का अनुमान पुलिस ने लगाया है। ककोड़ा मेले को जाने वाले मार्गों पर जाम न लगे इसके लिए रूट डायवर्जन किया जाएगा। पुलिस अधिकारियों की टीम इसका स्थलीय निरीक्षण कर चुकी है। 16 नवंबर को कासगंज के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद रूट डायवर्जन पर मुहर लगेगी।

गंगा स्नान 19 नवंबर को है। ऐसे में भीड़ एक दिन पहले से आना शुरू हो जाएगी और एक दिन बाद तक रहेगी। हालांकि ककोड़ा मेला तो लंबा चलेगा, लेकिन पुलिस का ध्यान 18 से लेकर 20 नवंबर तक पर है। एसपी सिटी प्रवीण सिंह चौहान ने बताया कि शेखुपर नौसेरा तिराहे पर यातायात पुलिस कर्मियों की ड्यूटी 24 घंटे रहेगी। यहां से कोई भी बड़ा वाहन अंदर नहीं जाने दिया जाएगा। यहां से मेला जाने वाले वाहनों को ही सिर्फ अंदर जाने दिया जाएगा।

इसके अलावा गंजडुंडवारा से कादरचौक को आने वाले भारी वाहन कछला से होकर निकालने की योजना तैयार की गई है। एसपी सिटी ने बताया कि मेला को जाने वाले कासगंज, उसहैत, शेखुपुर, कादरचौक आदि सभी जगह बेरीकेडिंग लगाकर भारी वाहनों का आवागमन पूरी तरह से बंद रहेगा। इसके लिए कुल 12 यातायात पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। इसके अलावा सिविल पुलिस के जवान, होमगार्ड और पीआरडी जवानों की ड्यूटी भी लगाई गई है। बताया कि 17 की रात 12 बजे के बाद रूट डायवर्जन लागू होगा।

मेला परिसर में लगने लगे साधु-संतों के डेरे : गंगा तट पर मेला ककोड़ा में गृहस्थों के साथ साधु-संत भी प्रवास करेंगे। गंगा किनारे स्नान घाट के आसपास उनके लिए जगह आरक्षित की गई है। विभिन्न आश्रमों के संतों के अलावा मुख्य स्नान घाट पर होने वाली गंगा महाआरती के लिए पहुंचने वाली टीम के ठहरने के भी प्रबंध किए जा रहे हैं। गायत्री परिवार के लोगों ने भी अपने तंबू लगाने शुरू कर दिए हैं। मुख्य मंच पर सांस्कृतिक आयोजन होंगे, इसके अलावा संतों के डेरे में भी भजन-कीर्तन चलता रहेगा।

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