शिक्षक विधायक चुनाव : बरेली-मुरादाबाद शिक्षक चुनाव में हार के बाद सपा में मच सकता है घमासान, नामांकन के दौरान सामने आई थी गुटबाजी
जब शिक्षक विधायक चुनाव के लिए सपा प्रत्याशी डॉ. संजय मिश्रा समर्थन मांगने बरेली में मौजूद थे । तब सपा नेताओं ने पूछा थी कि इससे पहले शिक्षक विधायक हमारे बीच कब आए। ये टीस नामांकन के वक्त बरेली के सपा नेताओं को नजरअंदाज करने से शुरू हुई।
बरेली,जेएनएन। बहुत दिन नहीं बीते, जब शिक्षक विधायक चुनाव के लिए सपा प्रत्याशी डॉ. संजय मिश्रा समर्थन मांगने बरेली में मौजूद थे । तब सपा नेताओं ने पूछ लिया था कि इससे पहले शिक्षक विधायक हमारे बीच कब आए। ये टीस नामांकन के वक्त बरेली के सपा नेताओं को नजरअंदाज करने से शुरू हुई। ये सही है कि शिक्षक विधायक चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी की जीत की एक वजह पार्टी के शीर्ष संगठन का पूरी ताकत से लगना था लेकिन सपा की हार की एक वजह पार्टी में गुटबाजी भी रही। सपा नेता का पहली बार मताधिकार पाए शिक्षकों में पैठ जमा पाए । सपा को इसका खामियाजा मतदान में उठाना पड़ा। इस शिकस्त के बाद अब समाजवादी पार्टी में घमासान मचने के आसार हैं। सपा नेता भले ही पूरी ताकत चुनाव में झोंकने की बात कह रहे हो लेकिन दबी जुबान से यह चर्चा शुरु हो गई है कि आपसी गुटबाजी सपा को चुनाव में ले डूबी है।
बीजेपी ने जताया शिक्षकों का आभार
बीजेपी के जिलाध्यक्ष पवन शर्मा का कहना है कि शिक्षकों को मालूम है कि उनकी आवाज भाजपा के प्रत्याशी ही बुलंद कर सकते हैं। उन्होंने एक तरफा वोट देकर डॉ. ढिल्लो को जीत दिलाई। इसके लिए शिक्षक मतदाताओं का भाजपा आभार व्यक्त करती है। उन्हें भरोसा दिलाया जाता है कि उनकी जरूरतों को पूरा करने का पूरा प्रयत्न किया जाएगा।
सपा की हार अप्रत्याशित
सपा के जिलाध्यक्ष अगम मौर्या का कहना है कि संजय मिश्रा की हार अप्रत्याशित दिखाई देती है। पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत से उन्हें चुनाव लड़वाया है।कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी का वोटिंग के दौरान सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग भी चुनाव को प्रभावित करने वाला दिखाई देता है। क्षेत्र से फर्जी की वोटिंग की सूचनाएं चुनाव के दिन पूरे समय आती रही।