बदायूं के ककोड़ा मेले के लगने की अभी उम्मीद कायम, राज्यमंत्री और शेखूपुर विधायक ने शासन स्तर पर की बात
Badaun Kakoda Fair बदायूं के गंगा तट पर ककोड़ा मेला लगवाने की उम्मीदें अभी कायम हैं। जन प्रतिनिधियों ने जहां लखनऊ में शासन स्तर पर बात कर मेला लगवाने का आग्रह किया। जिलाधिकारी के निर्देश पर राजस्व विभाग और पुलिस ने मेला आयोजन स्थल मार्ग का जायजा लिया।
बरेली, जेएनएन। Badaun Kakoda Fair : बदायूं के गंगा तट पर ककोड़ा मेला लगवाने की उम्मीदें अभी कायम हैं। जन प्रतिनिधियों ने जहां लखनऊ में शासन स्तर पर बात कर मेला लगवाने का आग्रह किया, वहीं जिलाधिकारी के निर्देश पर राजस्व विभाग और पुलिस की टीम ने मेला आयोजन स्थल मार्ग का जायजा लिया। जन प्रतिनिधि और अधिकारी सभी मेला लगवाने की संभावना तो जता रहे हैं, लेकिन उसका स्वरूप कैसा रहेगा और व्यवस्था की शुरूआत कब होगी इस बारे में कोई कुछ नहीं बोल रहा है। कुर्मी समाज और युवा मंच के सदस्यों ने जिला पंचायत के अधिकारियों की निष्क्रियता पर आक्रोश जाहिर किया है।
कासगंज जिले की सीमा में गंगा किनारे मेला लगवाने में पिछले दिनों आई बाढ़ की वजह से समस्या बन गई है। जिला पंचायत के अधिकारी कई बार मौका मुआयना कर रिपोर्ट दे चुके हैं। बाढ़ खंड, लोक निर्माण विभाग के अधिकारी भी जायजा ले चुके हैं। अनुकूल रिपोर्ट न मिलने पर दो दिन पहले जिला पंचायत अध्यक्ष वर्षा यादव के साथ जिलाधिकारी दीपा रंजन, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा.ओपी सिंह ने भी मौके के हालात देखे थे। इसके बाद भी अभी तक कोई निर्णय नहीं हो सका है। शनिवार को नगर विकास राज्यमंत्री महेश चंद्र गुप्ता और शेखूपुर विधायक धर्मेंद्र शाक्य ने लखनऊ में इस मसले पर शासन स्तर पर बात की है। इधर, डीएम के निर्देश पर तहसीलदार, सीओ और एएमए ने फिर आयोजन स्थल मार्ग का जायजा लिया।
कुर्मी समाज और युवा मंच के युवा भी इस दौरान उनके साथ रहे। हालांकि मेला का आयोजन कराने वाली जिला पंचायत में मेला आयोजन को लेकर पहले की तरह कोई हलचल नहीं दिख रही है। अभी तक किसी का ठेका भी नहीं हो सका है। युवा मंच संगठन के संरक्षक संदीप राठौर, अध्यक्ष ध्रुव देव गुप्ता, आलोक राठौर, अभिनव राठौर आदि अधिकारियों के साथ पहुंचे थे। जिला पंचायत के अधिकारियों पर निष्क्रियता बरतने का आरोप लगाया गया है। बदायूं की जिलाधिकारी दीपा रंजन ने बताया कि ककोड़ा मेला लगवाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। बाढ़ की पानी की वजह से कच्चा रास्ता बनाने में अड़चन आ रही है। अभी वक्त है, हर पहलू पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। हालात को देखते हुए जो भी बेहतर होगा निर्णय लिया जाएगा।