बरेली में अब फुटकर दुकानों पर शवाें के लिए हाे रही कफन की किल्लत, जानिए कितने बदतर हाे रहे हालात

लॉकडाउन के चलते बाजार में अमूमन दुकानें बंद हैं। रोजमर्रा आदि के सामान की खरीदारी तो लोग किसी तरह कर रहे हैं। लेकिन अंतिम संस्कार में प्रयोग किए जाने वालों की सामग्री के लिए लोगों को इधर-उधर के चक्कर लगाने पड़ हैं। विक्रेताओं का कहना है

By Ravi MishraEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 11:37 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 01:55 PM (IST)
बरेली में अब फुटकर दुकानों पर शवाें के लिए हाे रही कफन की किल्लत, जानिए कितने बदतर हाे रहे हालात
बरेली में अब फुटकर दुकानों पर शवाें के लिए हाे रही कफन की किल्लत, जानिए कितने बदतर हाे रहे हालात

बरेली, जेएनएन। लॉकडाउन के चलते बाजार में अमूमन दुकानें बंद हैं। रोजमर्रा आदि के सामान की खरीदारी तो लोग किसी तरह कर रहे हैं। लेकिन, अंतिम संस्कार में प्रयोग किए जाने वालों की सामग्री के लिए लोगों को इधर-उधर के चक्कर लगाने पड़ हैं। विक्रेताओं का कहना है कि इसमें ज्यादा किल्लत कफन की पड़ रही है। बाजार में दुकानें बंद हैं, जिस वजह से माल नहीं आ पा रहा है।

संजयनगर श्मशान भूमि के बाहर दुकान पर बुधवार को विक्रेता रोहित ने बताया कि अंत्येष्टि में प्रयोग की जाने वाली हवन सामग्री, कपूर, चंदन, कलावा आदि का सामान तो पर्याप्त मात्रा है। मगर, कफन के दो पीस ही बचे हैं। बताया कि बाजार बंद होने की वजह से माल नहीं मिल पा रहा है।

सुबह से शाम तक तीन बार कफन के लिए कटरा चांद खां और श्यामगंज में सिर्फ इस आस से भटक के आ गए कि किसी तरह से सामान मिल जाए। लेकिन, कोई दुकानें बंद ही मिलीं। वहीं विक्रेता अनिल ने कहा कि उनकी दुकान पर कफन के सात पीस बचे हैं।

चिंता यह है कि अगर शव आते हैं तो पूर्ति कैसे होगी। वहीं इस समस्या से सबसे ज्यादा ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संजयनगर श्मशान भूमि केे पास शव के अंतिम संस्कार को सामान खरीद रहेे सौरभ रघुमणि ने बताया कि तीन दिन पहले भी वह रिश्तेदारी में किसी का निधन हो जाने पर आए थे, तब भी कफर की किल्लत थी।

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