बरेली में 15 हजार गायों के संरक्षण की बनी योजना, जानिये क्या है योजना, कितनी बनेंगी गोशाला

Protection of cows in Bareilly मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा और जागरण के अभियान के बीच ही डीएम मानवेंद्र सिंह ने जिले में करीब 15 हजार बेसहारा गोवंश को संरक्षण देने का इंतजाम कर लिया है। उन्होंने सभी तहसील क्षेत्रों में खाली भूमि चिह्नित कराई है।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 03:40 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 03:40 PM (IST)
बरेली में 15 हजार गायों के संरक्षण की बनी योजना, जानिये क्या है योजना, कितनी बनेंगी गोशाला
डीएम मानवेंद्र सिंह ने सभी तहसीलों में भूमि चिह्नित कर गोशाला बनाने का तैयार किया खाका

बरेली, जेएनएन। Protection of cows in Bareilly : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा और जागरण के अभियान के बीच ही डीएम मानवेंद्र सिंह ने जिले में करीब 15 हजार बेसहारा गोवंश को संरक्षण देने का इंतजाम कर लिया है। उन्होंने सभी तहसील क्षेत्रों में खाली भूमि चिह्नित कराई है। वहां करीब 30 गोशाला बनाई जाएंगी। इसके साथ ही गोवंश के खाने-पीने का इंतजाम भी जनसहभागिता के साथ करने का खाका डीएम ने तैयार किया है। गोशाला में गोवंश के लिए शेड, भूसा घर और चौकीदार कक्ष बनाया जाएगा।

सभी तहसीलों में चिह्नित कराई पांच-पांच हेक्टेयर भूमिः डीएम ने जिले की सभी तहसीलों में ग्राम समाज की खाली जमीनों को चिह्नित कराई है। इसकी जिम्मेदारी उन्होंने सभी एसडीएम को दी। उन्होंने करीब पांच हेक्टेयर जमीन गोशाला के लिए चिह्नित करने को कहा था। अधिकारियों ने 30 गांवों में गोशाला बनाने को जमीन चिह्नित कर ली है। यहां गोशाला का निर्माण कराया जाएगा। सभी 30 गोशालाओं में करीब 15 हजार गोवंशीय पशुओं को सहारा दिया जा सकेगा।

गोवंश पालने के लिए लिया जाएगा जनसहयोगः सभी गोशालाओं में संरक्षित किए जाने वाले गोवंश के खाने-पीने की व्यवस्था में जनसहयोग लिया जाएगा। हर गोशाला को 15 या 20 ग्राम पंचायतों से जोड़ा जाएगा। वहां चारा भी उगाया जाएगा, जिससे पशुओं को हरा चारा मिल सके। इसके साथ ही गेहूं की फसल होने पर हर किसान से एक कुंतल भूसा लिया जाएगा। इसके साथ ही जनता गोवंश को खाना-पीना और सुविधाएं देने के लिए जो करना चाहे, वह सहयोग भी लिया जाएगा।

हर घर से पहली रोटी गाय के लिएः हमारी परंपरा को ध्यान में रखते हुए हर घर से पहली रोटी गाय के लिए इकट्ठी की जाएगी। इस काम के लिए गांव केे ही किसी दिव्यांग युवक को गोपालक बनाया जाएगा। वह गांव के हर घर से पहली रोटी इकट्ठी करेगा और गोशाला में लेकर आएगा। इसके लिए उसे ट्राइसाइकिल दी जाएगी। ग्राम निधि से मेहनताना भी दिलाया जाएगा। इस तरह हर घर से रोटी गोवंश के पास पहुंचेगी और उनके खानपान की व्यवस्था होगी।

डीएम मानवेंद्र सिंह ने बताया कि बेसहारा गोवंश के संरक्षण के लिए 30 गोशाला बनाई जाएंगी। इसके लिए जगह चिह्नित कर ली गई है। सभी जगह पांच-पांच हेक्टेयर जमीन चिह्नित की है। उस पर गोवंश आश्रय स्थल, भूसा घर, चौकीदार कक्ष का निर्माण होगा। इन गोशालाओं में करीब 15 हजार गोवंश को आश्रय मिलेगा। उसके बाद भी जरूरत पड़ी तो और गोशाला बनाएंगे। गोवंश बेसहारा घूमते नहीं दिखेंगे। उनके संरक्षण का काम जनसहभागिता से कराया जाएगा।

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