एक सप्ताह में पकड़ ली जाएगी बरेली में घूम रही बाघिन, जानें एक्सपर्ट की टीम ने क्या बनाई है योजना
बंद पड़ी रबर फैक्ट्री में 13 मार्च 2020 से घूम रही बाघिन की पिछले एक सप्ताह से लेटेस्ट प्लांट के पास लोकेशन मिल रही है। बाघिन को पकड़ने के लिए खुले में पड्डेे बांधे गए लेकिन बाघिन इतनी शातिर है कि उनके पास तक नहीं गई।
बरेली, जेएनएन। बंद पड़ी रबर फैक्ट्री में 13 मार्च 2020 से घूम रही बाघिन की पिछले एक सप्ताह से लेटेस्ट प्लांट के पास लोकेशन मिल रही है। बाघिन को पकड़ने के लिए खुले में पड्डेे बांधे गए लेकिन बाघिन इतनी शातिर है कि उनके पास तक नहीं गई। बुधवार को वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ देहरादून व वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों के साथ पीलीभीत टाइगर रिजर्व के विशेषज्ञ रबर फैक्ट्री पहुंचे। विशेषज्ञों ने सटीक लोकेशन मिलने व उस एरिया की घेराबंदी करके बाघिन को पकड़ने के संकेत दिए हैं।
बुधवार को वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, डब्ल्यूटीआइ और पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डॉ. राजुल सक्सेना, एके राठौर, डॉ. दक्ष गंगवार, डॉ. सुशांत करीब 10 बजे रबर फैक्ट्री पहुंचे। डीएफओ भारतलाल की अगुवाई में एक्सपर्ट की टीम ने रबर फैक्ट्री के जंगल मे करीब दो घंटे तक कांबिंग कर एक निश्चित क्षेत्र पर ही बाघिन को ट्रेंक्युलाइज करने की योजना बनाई है। डीएफओ भारत लाल के मुताबिक फैक्ट्री के लेटेस्ट प्लांट में बाघिन की सटीक लोकेशन पिछले कई दिन से मिल रही है। इसीलिए इसी प्लांट में बाघिन को ट्रेंक्युलाइज करने की योजना बनाई है। रेंजर को इस प्लांट के रास्तों को बंद किए जाने व ट्रेंक्युलाइज रूम तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जिससे बाघिन दूसरे क्षेत्र में चहलकदमी न कर पाए। अगर बाघिन ने लोकेशन नही बदली तो जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा। विशेषज्ञों की टीम ने रबर फैक्ट्री के कोयला प्लांट, रबर प्लांट, तीन नंबर समेत लेटेस्ट प्लांट में कांबिंग की।