बरेली में हुई प्रधानाध्यापक की मौत ताे लाश लेकर बदायूं डीएम के आवास पहुंचे परिजन, जानिए क्या रही वजह
बदायूं के सहसवान तहसील क्षेत्र के गांव पालपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक की बरेली के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। वह कोरोना संक्रमित थे। मंगलवार की सुबह स्वजन प्रधानाध्यापक के शव को एंबुलेंस में रखकर डीएम आवास पहुंच गए।
बरेली, जेएनएन। बदायूं के सहसवान तहसील क्षेत्र के गांव पालपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक की बरेली के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। वह कोरोना संक्रमित थे। मंगलवार की सुबह स्वजन प्रधानाध्यापक के शव को एंबुलेंस में रखकर डीएम आवास पहुंच गए। यहां स्वजन ने चुनाव ड्यूटी की वजह संक्रमित होने का आरोप लगाते हुए आर्थिक मदद की मांग कर रहे थे। स्वजन चार घंटे तक डीएम आवास के सामने रोते-बिलखते रहे, लेकिन डीएम आवास से बाहर नहीं निकलीं। सिविल लाइंस थाना पुलिस के साथ एसडीएम सदर लाल बहादुर मौके पर पहुंचे। स्वजन की बात सुनकर उन्हें ढांढस बंधाया और समझा बुझाकर संभव मदद का भरोसा दिलाया, इसके बाद कछला ले जाकर अंत्येष्टि की।
कस्बा उझानी के मुहल्ला कृष्णा कालोनी प्रधानाध्यापक देशपाल सिंह की पंचायत चुनाव में पीठासीन अधिकारी के रूप में कादरचौक ब्लाक में ड्यूटी लगी थी। स्वजन के अनुसार इसी दौरान वह संक्रमित हो गए। हालत खराब होने पर स्वजन उन्हें बरेली ले गए। यहां काफी दिन से निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। सोमवार की रात उनकी मौत हो गई। स्वजन मंगलवार सुबह पांच बजे उनके शव को लेकर डीएम आवास पर पहुंच गए। शव एंबुलेंस में रखा था।
स्वजन ने डीएम आवास का घेराव कर पंचायत चुनाव में पीठासीन अधिकारी बनाने पर ही उनके संक्रमित होने का आरोप लगाया। इससे प्रशासनिक हलके में खलबली मच गई। चार घंटे तक स्वजन डीएम आवास के सामने रोते बिलखते रहे, लेकिन डीएम बाहर निकलकर नहीं आईं। स्वजन के आक्रोश को देखते हुए सिविल लाइंस थाना पुलिस बुला ली गई। एसडीएम सदर लाल बहादुर पहुंचे, उन्होंने स्वजन को प्रशासन की ओर से हरसंभव मदद दिलवाने का भरोसा दिलाया, तब स्वजन शांत हुए। शव को लेकर कछला घाट पर ले जाकर अंत्येष्टि की। इस संबंध में सदर एसडीएम लाल बहादुर ने बताया कि प्रकरण की जांच कराई जाएगी। नियमानुसार जो भी संभव होगा उसके आधार पर सरकारी मदद दिलाई जाएगी।
इलाज में लाखों खर्च हुए, कैसे होगी बेटियों की शादी
बेटे ने प्रशांत पाल ने बताया कि उनके पिता पंचायत ड्यूटी के दौरान संक्रमित हुए थे। बावजूद उन्हें जिला प्रशासन की ओर से पिता के इलाज के लिए मदद नहीं मिली। अब उनके पिता इस दुनिया में नहीं है। जिला प्रशासन से विनती है कि घर में बड़ी दो बहनें हैं जिनकी शादी कि जिम्मा अब उसके कंधों पर है। पिता के इलाज में लाखों रुपये खर्च हो चुका है। इसकी भारपाई कहां से की जाएगी। वह डीएम से मदद की गुहार लगाने के लिए आए थे। उनके अावास पर सुबह पांच बजे से नौ बजे तक खड़े रहे, लेकिन सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मियों ने दस बजे के बाद मुलाकात होने की बात कहीं। उनकी मांग की है कि सरकार से उन्हें आर्थिक सहायता दिलाई जाए।
सुबह कुछ लोग आवास के बाहर आए थे, पता चला कि कोरोना संक्रमित एक शिक्षक की बरेली में मौत हो गई है। शिक्षक चुनाव ड्यूटी करने की बात कह रहे थे। चुनाव खत्म हुए तो महीनाभर हो गया। फिर भी जांच कराई जाएगी, जो भी संभव होगा सरकारी मदद दिलाई जाएगी। - दीपा रंजन, जिलाधिकारी