बरेली में इस थाने का मालखाना इंचार्ज बनने के लिए हेड मुहर्रिर में है खौफ, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

बारादरी जैसे मलाईदार थाने का मालखाना इंचार्ज बनने के लिए जहां कभी होड़ मची रहती थी। वहीं चार साल पहले मालखाना इंचार्ज द्वारा खुद को गोली मारकर खुदकुशी करने के बाद से हेड मुहर्रिरों में खौफ पैदा हो गया। आलम ये है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 02:00 PM (IST) Updated:Tue, 19 Jan 2021 02:00 PM (IST)
बरेली में इस थाने का मालखाना इंचार्ज बनने के लिए हेड मुहर्रिर में है खौफ, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान
बरेली में इस थाने का मालखाना इंचार्ज बनने के लिए हेड मुहर्रिर में है खौफ, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

बरेली, जेएनएन। बारादरी जैसे मलाईदार थाने का मालखाना इंचार्ज बनने के लिए जहां कभी होड़ मची रहती थी। वहीं चार साल पहले मालखाना इंचार्ज द्वारा खुद को गोली मारकर खुदकुशी करने के बाद से हेड मुहर्रिरों में खौफ पैदा हो गया। आलम ये है कि बारादरी के मालखाना इंचार्ज का पद पिछले चार साल से खाली पड़ा है। अधिकारियों द्वारा कई बार मालखाना इंचार्ज के रुप में हेड मुहर्रिरों की नियुक्ति की जाती है। लेकिन तैनात किए गए हेड मोहर्रिर कोई न कोई बहाना बनाकर चार्ज लेने से इन्कार कर देते हैं। आलम यह है कि मालखाना इंचार्ज न होने के कारण बारादरी थाने से संबंधित कई मुकदमें लंबित पड़े है। जिसे लेकर कोर्ट भी नाराजगी जता चुका है।

चार साल पहले मालखाना इंचार्ज सत्यवीर सिंह हेड मोहर्रिर से दारोगा बन गए तो उनका ट्रांसफर एटा हो गया था। नवंबर 2018 को वह मालखाना चार्ज देने वापस लौटे तो देखा मालखाने से लाखों की नकदी व काफी माल गायब है। परेशान होकर उन्होंने 27 नवंबर को कनपटी में गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। दारोगा द्वारा खुदकुशी से पहले सुसाइड लेटर लिखा गया था। जिसमें मालखाने से लाखों की नकदी व माल गायब करने का आरोप होमगार्ड वेद प्रकाश पर लगाया था। जिसके बाद होमगार्ड को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जिसके बाद से कोई भी मालखाने का चार्ज लेना नहीं चाहता।

मालखाने के लिए  गठित की गई कमेटी

कोर्ट की सख्ती के बाद अधिकारियों ने मालखाने की जांच और हेड मोहर्रिर की तैनाती के लिए कमेटी गठित की गई। अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम रोहित यादव को कमेटी का अध्यक्ष जबकि सहायक अभियोजन अधिकारी जितेंद्र सिंह व सीओ तृतीय को कमेटी का सदस्य नियुक्त किया गया। त्रिसदस्यीय कमेटी ने पड़ताल के बाद मालखाना इंचार्ज के लिए एक हेड मोहर्रिर की नियुक्ति कर दी।

चार्ज देने से परेशान हेडमोहर्रिर एसएसपी के सामने पेश हो गया और खुद को मानसिक रूप से बीमार बताते हुए डॉक्टर के इलाज का पर्चा एसएसपी को दिखाया। जिसके बाद से अब फिर नए सिरे से मालखाना चार्ज के लिए हेड मोहर्रिर की तलाश शुरू हो गई है।

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