द ग्रेट खली पहुंचे बरेली, होटल में चहेतों की लगी भीड़, जानें किस कार्यक्रम में आए थे बरेली
The Great Khali visit Bareilly डब्ल्यूडब्ल्यूई यानी वर्ल्ड रेसलिंग इंटरटेनमेंट के जरिए देश ही नहीं दुनिया भर में भारतीय पहलवानी का परचम लहराने वाले दलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली गुरुवार रात बरेली पहुंचे। खली शहर के बाहरी हिस्से में स्थित एक पंच सितारा होटल में ही रुके।
बरेली, जेएनएन। The Great Khali visit Bareilly : डब्ल्यूडब्ल्यूई यानी वर्ल्ड रेसलिंग इंटरटेनमेंट के जरिए देश ही नहीं दुनिया भर में भारतीय पहलवानी का परचम लहराने वाले दलीप सिंह राणा उर्फ द ग्रेट खली गुरुवार रात बरेली पहुंचे। शहर के एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने आए द ग्रेट खली शहर के बाहरी हिस्से में स्थित एक पंच सितारा होटल में ही रुके और वहां आयोजन में हिस्सा लिया। बताया जाता है कि शहर में एक अन्य जगह भी उनका कार्यक्रम बन रहा था, हालांकि तबीयत ठीक न लगने की वजह से उन्होंने पांच सितारा होटल के कार्यक्रम में ही शिरकत की।
होटल में मौजूद लोगों के जरिए जिन शहरवासियों को जैसे ही द ग्रेट खली के शहर में होने का पता चला, उन्होंने होटल की ओर रुख कर दिया। राजेंद्र घिल्डियाल ने बताया कि शहर में आयोजित एक कार्यक्रम में पहले भी द ग्रेट खली को बुलाया जा चुका है। बता दें कि मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले दलीप सिंह राणा डब्ल्यूडब्ल्यूई में ‘द ग्रेट खली’ के नाम से पहुंचे थे। अपने शुरुआती मैच में ही उन्होंने विश्व प्रसिद्ध पहलवान अंडरटेकर को हराकर प्रसिद्धि पाई थी।
राधेश्याम रामायाण को देशभर में मिली ख्याति : अखिल भारतीय साहित्य परिषद ब्रज प्रांत के तत्वावधान में गुरुवार को पंडित राधेश्याम कथावाचक जयंती के उपलक्ष्य में राजेंद्र नगर स्थित संस्था कार्यालय पर आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश बाबू मिश्रा ने कहा पंडित राधेश्याम कथावाचक ने देश में बरेली को पहचान दिलाई। उनकी लिखी राधेश्याम रामायण से उन्हें पूरे देश में ख्याति मिली।प्रांतीय संयुक्त मंत्री रोहित राकेश ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में राधेश्याम कथावाचक के नाम से शोध पीठ तो स्थापित हो गया है मगर, वहां सक्रियता नहीं है।
इस दौरान उन्होंने राधेश्याम कथावाचक के नाम से नाथ नगरी बरेली में एक ट्रेन प्रारंभ करने की मांग रखी। प्रांतीय संरक्षक व बरेली कालेज के पूर्व प्राचार्य डा. एनएल शर्मा ने बताया कि राधेश्याम कथावाचक ने 17-18 की आयु में ही सहज भाव से राधेश्याम रामायण की रचना कर ली थी। इस माैके पर बरेली कालेज के चीफ प्राक्टर परिषद के जिलाध्यक्ष डा. एसपी मौर्य, डा. दीपांकर गुप्ता, गुरविंदर सिंह, प्रमोद अग्रवाल, डा. रवि शर्मा, प्रवीण शर्मा आदि मौजूद रहे।