केंद्रीय मंत्री का रिश्तेदार निकला तो वन विभाग ने किया ये काम, गुस्सा हुए वाइल्ड लाइफ के पदाधिकारी

वाइल्ड लाइफ एंटी कोचिंग डिवीजन के दीपक कुमार व डीएफओ भारत लाल के निर्देशन पर जनपद में वन्यजीवों के अंगों आदि की बिक्री व तस्करी करने वालों के खिलाफ सोमवार से अभियान शुरू हुआ था। पहले दिन विभाग को शाम को जहां सफलता मिली थी।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 09:45 AM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 09:45 AM (IST)
केंद्रीय मंत्री का रिश्तेदार निकला तो वन विभाग ने किया ये काम, गुस्सा हुए वाइल्ड लाइफ के पदाधिकारी
केंद्रीय मंत्री का रिश्तेदार निकला तो वन विभाग की खबर में प्रतीकात्मक फोटो

बरेली, जेएनएन। वाइल्ड लाइफ एंटी कोचिंग डिवीजन के दीपक कुमार व डीएफओ भारत लाल के निर्देशन पर जनपद में वन्यजीवों के अंगों आदि की बिक्री व तस्करी करने वालों के खिलाफ सोमवार से अभियान शुरू हुआ था। पहले दिन विभाग को शाम को जहां सफलता मिली थी। वहीं देर रात कछुआ तस्कर वन विभाग की गाड़ियां देख भाग निकला था। जिसके बाद मंगलवार को टीम सीबीगंज शिव मंदिर मार्केट स्थित एक स्टेशनरी की दुकान में छापेमारी कर दो लोगों को गिरफ्तार कर कार्यालय पहुंची थी। यहां विभाग की ओर से पहले तो गुड वर्क की तैयारी थी, लेकिन बाद में पकड़े गए आरोपित एक केंद्रीय मंत्री के रिश्तेदार निकलने की सूचना पर पूरे गुडवर्क को बदल दिया गया।

जिसकी जानकारी होने पर दिल्ली से आई टीम के पदाधिकारी व डीएफओ के बीच कार्यालय के अंदर काफी गहमागहमी हुई। बाद में पदाधिकारी बिना किसी दस्तावेज में हस्ताक्षर किए अपनी टीम के साथ सीधा वापस दिल्ली लौट गए। मंगलवार शाम दिल्ली टीम के दीपक सीबीगंज शिव मंदिर स्थित दीपक स्टेशनरी की दुकान पर पहुंचे। यहां उन्होंने पेंटिंग ब्रश की मांग की। जिस पर दुकान स्वामी धीरेंद्र गंगवार के बेटे मुकुल गंगवार ने उन्हें ब्रश मुहैया करा दिए। प्रथम दृष्यता ही टीम को ब्रश नेवले के बाल के बने होते दिखे। तुरंत पास में मौजूद टीम ने दुकान स्वामी व उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया।

धीरेंद्र गंगवार सीबीगंज व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष व एक केंद्रीय नेता के रिश्तेदार होने के नाते उनका वर्चस्व है। जिसके कारण वहां लोगों की भीड़ एकत्र हो गई। मौके पर मौजूद एक क्षेत्रीय नेता ने रेंजर वैभव कुमार का कॉलर तक पकड़ लिया। हालांकि भारी फोर्स होने के बाद सभी व्यापारी व उसके बेटे को सीधा डीएफओ कार्यालय लेकर पहुंचे। विभाग के अधिकारियों ने पहले तो नेवले के बाल से बने ब्रश होने की सभी को जानकारी दी। बाद में अचानक दिल्ली से एक फोन आने पर पूरी कहानी अचानक से पलट गई। दिल्ली टीम के दीपक कुमार के बाहर निकलते ही तुरंत पेंटिंग ब्रश को बिना उनकी मौजूदगी में सीज कर जांच को भेजे जाने की बात कहते हुए व्यापारी नेता को मुचलके पर छोड़ दिया गया।

42 ब्रश किए गए बरामद

डीएफओ भारत लाल ने बताया कि दिल्ली की टीम व उन्हें जानकारी मिली की सीबीगंज में नेवले के बाल से बने ब्रश की बिक्री की जा रही है। जिसकी जानकारी पर छापेमारी की गई थी। जहां से 42 ब्रश बरामद हुए थे। दुकान स्वामी धीरेंद्र गंगवार का कहना है कि ब्रश सिंथेटिक के बने हुए हैं। जिसकी जांच कराई जा सकती है। किसी निर्दोष को सजा न हो इसके लिए बरामद ब्रश को सीज कर जांच के लिए लैब भेजा जा रहा है। तब तक के लिए धीरेंद्र गंगवार को मुचलके पर छोड़ा गया है। दोषी पाए जाने पर उन्हें नरेंद्र पाल जिनकी सुपुर्दगी में छोड़ा गया है, लाकर उन्हें पेश करेंगे।

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