बरेली के जिला अस्पताल में उपचार कराने पहुंची महिला मरीज की मौत, पेट दर्द व सांस लेने की थी शिकायत
Death in District Hospital जिला अस्पताल में उपचार के लिए पहुंची एक युवती की मौत हो गई। मामले में स्वजन का कहना है कि इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी डाक्टर ने पेट दर्द और सांस लेने में दिक्कत की समस्या सुनकर पहले इलाज करने की जगह जांच करने को कहा।
बरेली, जेएनएन। Death in District Hospital : जिला अस्पताल में उपचार के लिए पहुंची एक युवती की मौत हो गई। मामले में स्वजन का कहना है कि इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी डाक्टर ने पेट दर्द और सांस लेने में दिक्कत की समस्या सुनकर पहले इलाज करने की जगह कोविड संदिग्ध बताकर जांच करने को कहा। ऐसे में इलाज में देरी की वजह से युवती की जान गई। वहीं, जिला अस्पताल में दर्ज रिकार्ड में मरीज को बिना बताए ले जाने की बात दर्ज है।
शहर के संजयनगर निवासी संतोष ने बताया कि उसकी बहन प्रीति की शादी पांच वर्ष पहले शाहजहांपुर के तिलहर निवासी अमित से हुई थी। पारिवारिक विवाद के बाद इस बार भाई दूज पर प्रीति अकेली ही घर आई थी और फिर वह वापस ससुराल नहीं गई। पिछले दस दिनों से वह पेट में दर्द और सांस लेने में दिक्कत बता रही थी। इस पर उसे निजी अस्पताल में दिखाया था। रविवार सुबह अचानक प्रीति की तबीयत नाजुक हो गई।
उसे लेकर दोपहर करीब एक बजे जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड पहुंचे। यहां ड्यूटी पर मौजूद ईएमओ ने सांस लेने में दिक्कत और पेट दर्द की बात सुनकर प्रीति को संदिग्ध कोविड मरीज बताया और हार्ट वार्ड जाने को कहा। जब बहन को हार्ट वार्ड लेकर पहुंचे तो यहां मौजूद स्टाफ ने उसे भर्ती किया लेकिन कुछ देर बाद प्रीति की जान चली गई। वहीं अस्पताल में दर्ज रिकार्ड के मुताबिक गंभीर हालत को देखते हुए स्वजन अपनी मर्जी से मरीज को अस्पताल ले जाने की बात कर रहे थे। बाद में बिना बताए चले गए, कुछ देर बाद इलाज में देरी से मौत की बात कहने लगे।
दोपहर करीब एक बजे बहन को जिला अस्पताल लेकर आए। लेकिन स्टाफ यहां से वहां सिर्फ चक्कर लगवाता रहा। किसी ने बहन की जांच तक नहीं की। हार्ट वार्ड में एक स्टाफ ने पूछताछ की थी। यहां भर्ती भी करा रहे थे लेकिन तब तक बहन ने दम तोड़ दिया। - संतोष, मृतक प्रीति का भाई
मामला संज्ञान में आने के बाद अभिलेखों की जांच की गई जिसमें मरीज को भर्ती करने का रिकार्ड है। लेकिन परिजन अपनी मर्जी से मरीज को अस्पताल से ले गए। मरीज की मौत अस्पताल में नहीं हुई है डा.सुबोध शर्मा, एडीएसआइसी