बरेली में ड्रोन कैमरा भी नहीं लगा सका बाघिन का पता

जेएनएन, बरेली: रामगंगा खादर में दो किसानों को जख्मी करने वाली बाघिन के पगमार्क ढूंढ़ने के अलावा वन व

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 05:23 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 05:23 AM (IST)
बरेली में ड्रोन कैमरा भी नहीं लगा सका बाघिन का पता
बरेली में ड्रोन कैमरा भी नहीं लगा सका बाघिन का पता

जेएनएन, बरेली: रामगंगा खादर में दो किसानों को जख्मी करने वाली बाघिन के पगमार्क ढूंढ़ने के अलावा वन विभाग के हाथ कुछ नहीं लगा है। सोमवार को बाघिन की लोकेशन ट्रेस करने और उसकी उपस्थिति का पता लगाने के लिए ड्रोन कैमरों की भी मदद ली गई, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। मंडलीय अधिकारियों की उपस्थिति में कांबिग की गई। घटनास्थल पर बाघिन को पकड़ने के लिए एक पिजरा लगाकर ग्रामीणों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई। वहीं कुछ ग्रामीणों ने बाघिन को रामगंगा किनारे पानी पीते देखा। वन विभाग की टीम को मौके पर पगचिह्न भी मिले। रामगंगा खादर के गांव गोरा हेमराजपुर में रविवार दोपहर गन्ने की फसल में पानी लगा रहे किसान धर्मपाल और चंद्र पाल को बाघिन ने लहूलुहान कर दिया था। इससे पहले वह फतेहगंज पश्चिमी की बंद रबर फैक्ट्री में घूम रही थी। मामले की जानकारी पर डीएफओ भारत लाल ने चार टीमें लगा बाघिन को पकड़ने के निर्देश दिए। सोमवार को सभी टीमें जहां कांबिग करती रहीं, वहीं कंजरवेटर जावेद अख्तर भी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान पुलिस क्षेत्राधिकारी सुनील कुमार राय और थाना प्रभारी दया शंकर मय फोर्स के मौजूद रहे। पिजरे में बांधा गया पड्डा

मीरगंज वन विभाग के रेंजर संतोष कुमार ने बताया कि बाघिन को पिजरे तक लाने के लिए उसमें एक जिदा पड्डा बांधा गया है। लोकेशन ट्रेस करने के लिए ड्रोन कैमरे की सहायता ली जा रही है। जरूरत पड़ी तो सेंसर कैमरे भी लगाए जाएंगे। 14 माह से रबर फैक्ट्री में घूम रही है बाघिन

फतेहगंज पश्चिमी की बंद रबर फैक्ट्री में घूम रही बाघिन 11 मार्च 2020 को पहली बार देखी गई थी। जिसे पकड़ने के लिए पांच बार ऑपरेशन टाइगर शुरू किया गया। बाघिन को पकड़ने के लिए विभाग अब तक 50 लाख से अधिक रुपये भी खर्च कर चुका है, पर वह पकड़ी नहीं गई। झाड़ियों में मारकर रखा था शिकार

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक घटनास्थल पर बाघिन के पगमार्क मिले हैं। घटनास्थल के पास नरकुल की झाड़ियों में ही बाघिन ने अपना ठिकाना बना रखा था। जिसमें बाघिन ने किसी जंगली जानवर को मारकर खाने के लिए रखा था। जिसकी जानकारी होने पर दोनों घायलों ने झाड़ियों में आग लगा हल्ला मचाना शुरू कर दिया। स्वयं को सुरक्षित रखने के लिए बाघिन ने किसानों पर हमला किया। फोटो देख घायल बोले- इसी ने किया हमला

घायल किसानों को सोमवार को प्राथमिक उपचार कराने के बाद बाघिन की फोटो दिखाई गई। जिस पर दोनों घायलों ने उसी बाघिन के द्वारा ही हमला किए जाने के पुष्टि की गई। नाले-नाले होकर नदी के बीहड़ पहुंची बाघिन

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रबर फैक्ट्री से निकलकर बाघिन नाले-नाले होकर रामगंगा नदी के बीहड़ तक पहुंची। जिसके पगचिन्ह भी मिले हैं। अधिकारियों के मुताबिक इस बीहड़ में चीतल, नीलगाय, खरगोश समेत काफी जंगली जानवर हैं। घटनास्थल से डेढ़ किलोमीटर दूरी पर गांव हैं। रबर फैक्ट्री छोड़कर बाघिन पहले भी यहां कई बार आती-जाती थी। वन विभाग की टीम को इसकी जानकारी थी। टाइगर रिजर्व के विशेषज्ञ पहुंचेंगे

घटनास्थल पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व के वन्य जीव विशेषज्ञ व डॉक्टर मंगलवार को पहुंचेंगे। जहां खुले में अगर बाघिन की कोई लोकेशन मिलती है तो उसे ट्रेंक्युलाइज भी किया जाएगा।

रबर फैक्ट्री में घूम रही बाघिन ने ही किसानों पर हमला किया है। मंगलवार को विशेषज्ञों के पहुंचने के बाद उसे पकड़ा जाएगा। अभी फिलहाल पिजरा लगा लोगों को सचेत कर वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी लगातार कांबिग कर रहे हैं।

- जावेद अख्तर, कंजरवेटर, वन विभाग

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