बरेली में हाथरस के मजदूरों को ठेकेदार ने एक हफ्ते तक भूखे-प्यासे बंधक बनाए रखा, पुलिस ने छुड़ाया

कश्मीर में ईंट भट्ठे पर मजदूरी करने के लिए बुलाए गए मजदूरों को परिवार समेत ठेकेदार ने बंधक बना लिया। कई दिनों तक भूखा-प्यास रखा।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Sun, 26 May 2019 12:50 PM (IST) Updated:Sun, 26 May 2019 12:50 PM (IST)
बरेली में हाथरस के मजदूरों को ठेकेदार ने एक हफ्ते तक भूखे-प्यासे बंधक बनाए रखा, पुलिस ने छुड़ाया
बरेली में हाथरस के मजदूरों को ठेकेदार ने एक हफ्ते तक भूखे-प्यासे बंधक बनाए रखा, पुलिस ने छुड़ाया

बरेली, जेएनएन : कश्मीर में ईंट भट्ठे पर मजदूरी करने के लिए बुलाए गए मजदूरों को परिवार समेत ठेकेदार ने बंधक बना लिया। कई दिनों तक भूखा-प्यास रखा। कुछ महिला मजदूर किसी तरह उसके चंगुल छूटकर थाने पहुंचे और पुलिस को जानकारी दी। तब पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अन्य मजदूरों व उनके बच्चों को आजाद कराया। साथ ही दो आरोपितों को हिरासत में ले लिया। पुलिस तहरीर के आधार मुकदमा दर्ज कर रही है। 

हाथरस के मथुरा रोड के मुहल्ला ओढ़पुरा निवासी अशोक कुमार, उनकी पत्नी भारती देवी, अमित चंद्र, अमित की पत्नी राजकुमारी, सर्वेश कुमार, चंद्रपाल की पत्नी चंद्रवती ईंट भट्ठों पर मेहनत मजदूरी करते हैं। इन सभी को नबावगंज कस्बा के मुहल्ला इस्लाम नगर के नालापार निवासी इरफान, मोहम्मद रिजवान व ग्राम बरखन निवासी अब्दुल शाहिद ने 15 दिन पहले कश्मीर में ईंट भट्टे पर मजदूरी करने के बहाने बुलाया था। जिस पर सभी परिवार समेत यहां चले आए। ठेकेदार ने यहां उन्हें किसी अनजान स्थान पर रखा गया। बाद में सात दिन पहले अपने घर ले जाकर बंधक बना लिया। शनिवार को भारती देवी व राजकुमारी जैसे-तैसे खुद को छुड़ाकर थाने पहुंचीं और पुलिस को जानकारी दी। जिसपर चौकी इंचार्ज जयपाल सिंह ने पुलिस फोर्स के साथ मौके पर दबिश दी और अन्य मजदूरों को आजाद कराया। मजदूरों का आरोप है कि ठेकेदार उन्हें कश्मीर ले जाकर बेचने की योजना बना रहे थे। वहीं, महिला मजदूरों पर उनकी बुरी नजर थी। पुलिस ने दो ठेकेदारों को हिरासत में ले लिया है। मामले में थाना नवाबगंज में तहरीर दी गई है। कोतवाल राजेश कुमार सिंह ने बताया कि तहरीर मिली है। मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।

कई दिन से मजदूरों को नहीं दिया खाना
ठेकेदारों ने मजदूरों को एक हफ्ते से घर में बंधक बनाकर रखा था। कई दिनों से उन्हें खाना भी नहीं दिया था। जिससे बच्चे भूख से तड़प रहे थे। उन्हें आजाद कराने के बाद पुलिस ने उन्हें खाने-पीने का सामान भी दिया।  

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