बरेली में धीमी गति से हो रहा हुलासनगरा ओवरब्रिज का निर्माण
बरेली-सीतापुर हाईवे पर हुलासनगरा क्रासिग के आठ किमी लंबे जाम में एक दिन पूर्व प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों के फंसने के बावजूद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारियों को सुध नहीं आई। ओवरब्रिज पर मंगलवार को भी धीमी गति से निर्माण कार्य होते नजर आए।
बरेली, जेएनएन: बरेली-सीतापुर हाईवे पर हुलासनगरा क्रासिग के आठ किमी लंबे जाम में एक दिन पूर्व प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों के फंसने के बावजूद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधिकारियों को सुध नहीं आई। वह अपनी ही धुन में रमे रहे। वहीं, ओवरब्रिज पर मंगलवार को भी धीमी गति से निर्माण कार्य होते नजर आए।
भारत सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने फरवरी तक बरेली -सीतापुर हाईवे पर स्थित हुलासनगरा क्रासिग पर ओवरब्रिज का निर्माण पूरा कराने के लिए कहा था। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने राजमार्ग मंत्री से मजबूत पैरवी की थी। कमिश्नर रणवीर प्रसाद ने भी एनएचएआइ के अधिकारियों पर पुल का निर्माण तेजी से खत्म कराने के लिए दबाव बनाया। जिसके बाद टेंडर प्रक्रिया में तेजी लाई गई। सर्विस रोड तैयार होने के बाद फरवरी 2021 तक ओवरब्रिज को पूरा कराना था। लेकिन कछुआ गति की वजह से एक बार फिर डेटलाइट आगे की ओर खिसकती दिख रही है।
यही वजह है कि रविवार और सोमवार को हुलासनगरा में लगे आठ किमी लंबे जाम में राज्य परिवहन मंत्री अशोक कटारिया, राज्य शिक्षा मंत्री गुलाबो देवी और जलशक्ति मंत्री बलदेव सिंह औलख भी फंसे रहे। पुलिस ने वीआइपी मूवमेंट के लिए कारिडोर बनाकर उनके काफिले को बमुश्किल निकलवाया था। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्रियों के काफिले फंसने के बाद भी एनएचएआइ के अधिकारियों ने यहां निर्माण तेज कराने को लेकर कतई कोई तवज्जो नहीं दी है। हालात यह हैं कि एक बार जाम लग जाए तो घंटो तक यातायात सामान्य नहीं हो पाता है। जाम में फंसे हुए राहगीर व्यवस्था को कोसते रहते हैं।