बरेली के इस श्मशान में खत्म हुई संवेदनाएं, दाह संस्कार के लिए दो हजार मांगने पर हुआ विवाद, जानिए फिर क्या हुआ

कोरोना की दूसरी लहर में जहां हर रोज किसी न किसी परिवार का चिराग बुझ रहा है। वहीं लोगों में संवेदानाएं भी खत्म हो रहीं हैं। आलम यह है कि शव की चिता सजाने के नाम पर भी लोग वसूली कर रहे हैं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 05:21 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 05:21 PM (IST)
बरेली के इस श्मशान में खत्म हुई संवेदनाएं, दाह संस्कार के लिए दो हजार मांगने पर हुआ विवाद, जानिए फिर क्या हुआ
बरेली के इस श्मशान में खत्म हुई संवेदनाएं, दाह संस्कार के लिए दो हजार मांगने पर हुआ विवाद

 बरेली, जेएनएन कोरोना की दूसरी लहर में जहां हर रोज किसी न किसी परिवार का चिराग बुझ रहा है। वहीं लोगों में संवेदानाएं भी खत्म हो रहीं हैं। आलम यह है कि शव की चिता सजाने के नाम पर भी लोग वसूली कर रहे हैं।

शनिवार को सुबह संजयनगर श्मशान भूमि में योगेश अपने पिता ज्ञानप्रकाश के अंतिम संस्कार को पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनके पिता की मौत कोविड नहीं बल्कि अन्य स्थितियों में हुई थी। श्मशान भूमि में उनसे दो हजार रुपये मांगे। इस पर स्वजनों ने आर्थिक स्थिति ठीक न होने की बात भी कही। लेकिन, काफी देर तक बहस चलती रही।

बात जब तू-तू मैं-मैं पर आ पहुंची तो कमेटी के पदाधिकारियों ने मामला शांत कराया और छह रुपये लेकर दाह संस्कार कराया। अशोक विहार निवासी योगेश ने बताया कि यहां व्यवस्थापक जेपी सिंह ने उनसे चिता सजाने के लिए दो हजार रुपये की मांग की।

इस पर जब उन्होंने वीडियो बनाकर व्यवस्थपक से पूछा कि अब बताइये कितने रुपये चाहिए। तब कहीं जाकर कमेटी के पदाधिकारियों ने मामला शांत कराया। वहीं व्यवस्थापक जेपी सिंह का कहना है कि उन्होंने खुद पैसे लेने नहीं बल्कि कर्मचारियों को देने की बात कही थी। 

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