बरेली में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष हुए गुस्सा, बाेले- पीलीभीत जिला परिवीक्षा अधिकारी को जारी करे कारण बताओ नोटिस, जानिए वजह

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग उप्र अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता बरेली दौरे पर थे।सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक के दौरान पीलीभीत के अधिकारियों की गैर मौजूदगी रही। उन्होंने उप निदेशक महिला कल्याण बरेली को पीलीभीत की जिला प्राबेशन अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 05:13 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 05:13 PM (IST)
बरेली में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष हुए गुस्सा, बाेले- पीलीभीत जिला परिवीक्षा अधिकारी को जारी करे कारण बताओ नोटिस, जानिए वजह
बरेली में बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष हुए गुस्सा

बरेली, जेएनएन। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग उप्र अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता बरेली दौरे पर थे।सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक के दौरान पीलीभीत के अधिकारियों की गैर मौजूदगी रही। उन्होंने उप निदेशक महिला कल्याण बरेली को पीलीभीत की जिला प्राबेशन अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। डीएम पीलीभीत के जरिए उनका स्पष्टीकरण तलब करवाया जाए।

उन्होंने समीक्षा के बाद कहा कि बरेली मंडल में 64 बच्चों को डेटा संरक्षण के लिए सामने आया है। उन्हें शासन से मदद दिलवाई जा रही है।उन्होंने कहा कि कोविड-19 से जिन नाबालिग बच्चों ने अपने माता-पिता या माता या पिता में से एक को खो दिया है, उन बच्चों की देखभाल, स्वास्थ्य तथा शिक्षा के लिए व्यवस्था शासन स्तर से हाे रही है।

जिला प्रोबेशन अधिकारी बरेली नीता अहिरवार ने बताया कि संरक्षण के लिए बरेली के 32 बच्चों को चिह्नित किया हैं। इसमें आठ बच्चे अनाथ हैं, जबकि 24 बच्चें ऐसे है, जिनके माता-पिता में किसी एक की मृत्यु हो चुकी है। 13 बच्चों के दस्तावेजों को सत्यापन के लिए एसडीएम को भेजा गया है। इसके बाद शासन को रिपोर्ट जाएगी।

इसी प्रकार बदायूं में आठ बच्चे सामने आए हैं। पीलीभीत में 24 बच्चों को चिह्नित किया गया है। बैठक में चर्चा हुई कि 10 वर्ष तक की आयु के वैध संरक्षण को चार हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। शिक्षा किसी मान्यता प्राप्त स्कूल में होगी। कक्षा छह से 12 तक की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालयों और कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में प्रवेश दिलाया जाएगा।

अध्यक्ष ने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर में बच्चों को बचाने के लिए पीकू वार्ड बनाये जा रहे हैं। 300 बेड कोविड अस्पताल में पीकू वार्ड की स्थापना की जा चुकी है। 

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