एक हरा पेड़ काटने पर 10 पौधे रोपित करने होंगे
हरा वृक्ष काटने के एवज में अब 10 नए पौधे रोपित कर उनका संरक्षण भी करना होगा। इसके लिए शपथपत्र भी देना पड़ेगा। वन विभाग की टीम इसकी निगरानी करेगी। जंगल वृक्ष संरक्षण अधिनियम में हुए संशोधन के बाद 29 प्रजातियों के पेड़ों पर यह नियम लागू हो गया है। साथ ही आज्ञा शुल्क भी बढ़ाकर दोगुना 200 रुपये प्रति पेड़ कर दिया गया।
बरेली, जेएनएन : हरा वृक्ष काटने के एवज में अब 10 नए पौधे रोपित कर उनका संरक्षण भी करना होगा। इसके लिए शपथपत्र भी देना पड़ेगा। वन विभाग की टीम इसकी निगरानी करेगी। जंगल वृक्ष संरक्षण अधिनियम में हुए संशोधन के बाद 29 प्रजातियों के पेड़ों पर यह नियम लागू हो गया है। साथ ही आज्ञा शुल्क भी बढ़ाकर दोगुना 200 रुपये प्रति पेड़ कर दिया गया।
वन विभाग को अब सिक्योरिटी शुल्क 1,000 की जगह 2,000 रुपये प्रति पेड़ जमा करना होगा। जबकि पहले यह एक प्रति पेड़ 1,000 रुपये हुआ करती थी। पहले एक हरा पेड़ काटने पर दो पौधे लगाने और उनके संरक्षण का नियम था। अब संशोधन कर 10 पौधे लगाने का नियम कर दिया गया। जमा की जाने वाली राशि का एनएससी (नेशनल सेविग सर्टिफिकेट), किसान बंध पत्र आदि के माध्यम से जमा करना होगा। हरा पेड़ काटने से पहले वन विभाग की शर्तों का पालन करना होगा। लगाए जाने वाले पौधे जब तक वृक्ष में तब्दील नहीं हो जाते वन विभाग इसकी मानीटरिग करेगा। 10 पौधे लगाने के लिए आवेदक के पास जमीन नहीं है तो उसे निर्धारित शुल्क वन विभाग में जमा करना होगा। इस राशि से विभाग पौधे लगाकर उनका संरक्षण करेगा। शीशम, सागौन, आम, नीम, महुआ, पीपल, बरगद, गूलर, पाकड़, पलाश, बेल, कुसुम, असना, जामुन, इमली आदि के वृक्षों को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। प्रतिबंधित श्रेणी वाले प्रजातियों के पेड़ काटने की अनुमति के लिए आवेदक को 10 पौधे रोपने व संरक्षण का शपथ पत्र देना होगा। आज्ञा शुल्क और सिक्योरिटी राशि भी जमा करनी होगी। पौधों के वृक्ष बनने और वन विभाग के सत्यापन के बाद ही सिक्योरिटी राशि संबंधित को वापस हो सकेगी। पहले एक पेड़ काटने के बदले दो पौधे व संरक्षण का नियम था। जो कि अब 10 पौधे लगाने की शर्त है। वहीं पहले छह प्रजातियों के पौधे काटने प्रतिबंधित थे जो कि अब 29 प्रजातियां हो गई है।
- ललित कुमार वर्मा, मुख्य वन संरक्षक रूहेलखंड जोन