बरेली में आइटी पार्क के लिए 10 करोड़ रुपये जारी

बंद पड़ी आइटीआर फैक्ट्री जल्द आइटी कंपनियों की आमद से गुलजार होगी। कंप्यूटर इंजीनियरिग के छात्रों को बरेली छोड़कर नौकरी के लिए हैदराबाद बेंगलुरु और गुरुग्राम नहीं जाना पड़ेगा। वित्तीय स्वीकृति के बाद 10 करोड़ रुपये जमीन हस्तांतरण के लिए शासन की ओर से जिलाधिकारी को दिए जा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 05:31 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 05:31 AM (IST)
बरेली में आइटी पार्क के लिए 10 करोड़ रुपये जारी
बरेली में आइटी पार्क के लिए 10 करोड़ रुपये जारी

बरेली, जेएनएन: बंद पड़ी आइटीआर फैक्ट्री जल्द आइटी कंपनियों की आमद से गुलजार होगी। कंप्यूटर इंजीनियरिग के छात्रों को बरेली छोड़कर नौकरी के लिए हैदराबाद, बेंगलुरु और गुरुग्राम नहीं जाना पड़ेगा। वित्तीय स्वीकृति के बाद 10 करोड़ रुपये जमीन हस्तांतरण के लिए शासन की ओर से जिलाधिकारी को दिए जा रहे हैं। भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को तेज करने के लिए कमिश्नर खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं।

जिले के 12 कालेजों के आइटी ब्रांच के 800 से एक हजार विद्यार्थी हर साल नौकरियों की तलाश में शहर से बाहर निकलते हैं। शासन ने उद्योग निदेशक कानपुर और यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन लिमिटेड को बरेली में आइटीआर फैक्ट्री की जमीन खरीदने के लिए वित्तीय स्वीकृति जारी करके इन बच्चों के लिए रोजगार की राह खोली। अब जमीन हस्तांतरण में तेजी लाने के लिए कमिश्नर आर. रमेश कुमार रुचि ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि आइटी सेक्टर की कंपनियों के आफिस इस आइटी पार्क में होंगे, जहां अलग-अलग माड्यूल पर साफ्टवेयर विकसित होंगे। बरेली की आइटी पार्क साफ्टवेयर डेवलपमेंट के क्षेत्र में अग्रणी होगी। आइटी के विद्यार्थियों के लिए रोजगार सृजन भी होगा।

यूपी इलेक्ट्रानिक्स की टीम कर चुकी सर्वे

27 मार्च को आइटी सिटी को कैबिनेट से मंजूरी मिली थी। इससे पहले यूपी इलेक्ट्रानिक्स की चार सदस्यीय टीम ने बरेली की बंद पड़ी आइटीआर फैक्ट्री का दौरा करके स्थापना के लिए सकारात्मक रिपोर्ट लगाई थी। उत्तराखंड बार्डर, दिल्ली-लखनऊ के बीच में पड़ने वाले बरेली के 12 कालेजों के आइटी ब्रांच के युवाओं का हवाला भी दिया गया।

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बहुत जल्द बैठक प्रस्तावित है। बजट डीएम के खाते में ट्रांसफर हो रहा है। भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया तेजी से करवा रहे हैं, ताकि शासन के प्रोजेक्ट को जल्द धरातल पर लाया जा सके। कोविड की दूसरी लहर की वजह से प्रोजेक्ट लेट हुआ है।

आर. रमेश कुमार, कमिश्नर, बरेली

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