बरेली में आनलाइन स्कूटी खरीदने के चक्कर में कोचिग संचालक ने गंवाए 20 हजार

आनलाइन यदि आप कोई समान खरीद रहे हैं तो बेहद सावधान रहने की जरूरत है। खुद को फौजी बताकर आनलाइन सामान बेचने वाले असल में ठग हैं। तीन दिन में दूसरा ऐसा मामला सामने आया जिसमें सामने वाले व्यक्ति ने खुद को फौजी बताकर अपनी स्कूटी बेचने की बात कही। एक कोचिंग संचालक फौजी का नाम सुनकर आसानी से झांसे में आ गया और 20 हजार रुपये गंवा बैठा। एसएसपी ने मामले में साइबर पुलिस को जांच के निर्देश दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 08:43 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 08:43 PM (IST)
बरेली में आनलाइन स्कूटी खरीदने के चक्कर में कोचिग संचालक ने गंवाए 20 हजार
बरेली में आनलाइन स्कूटी खरीदने के चक्कर में कोचिग संचालक ने गंवाए 20 हजार

जागरण संवाददाता, बरेली: आनलाइन यदि आप कोई समान खरीद रहे हैं तो बेहद सावधान रहने की जरूरत है। खुद को फौजी बताकर आनलाइन सामान बेचने वाले असल में ठग हैं। तीन दिन में दूसरा ऐसा मामला सामने आया, जिसमें सामने वाले व्यक्ति ने खुद को फौजी बताकर अपनी स्कूटी बेचने की बात कही। एक कोचिंग संचालक फौजी का नाम सुनकर आसानी से झांसे में आ गया और 20 हजार रुपये गंवा बैठा। एसएसपी ने मामले में साइबर पुलिस को जांच के निर्देश दिए हैं।

भोजीपुरा के पीपलसाना चौधरी के मोहित शर्मा कोचिग संचालक हैं। उन्होंने बताया कि ओएलएक्स डाट काम पर उन्होंने एक स्कूटी देखी। उसे खरीदने की इच्छा से दिए गए नंबर पर फोन किया। फोन उठाने वाले ने खुद को फौजी बताया और इंदौर में तैनाती की बात कही। 25 हजार में सौदा तय हुआ। एडवांस के तौर पर शिक्षक से 1,632 रुपये मांगे गए, जिसका शिक्षक ने भुगतान कर दिया। इसके बाद दो बार 9,872-9,872 रुपये लिए। ठग ने स्कूटी डिलीवर होने की बात कही और 23,370 रुपये और मांगे। यहीं पर शिक्षक को ठगी का शक हुआ। वह इज्जतनगर थाने पहुंचा। इज्जतनगर पुलिस ने साइबर सेल से शिकायत की बात कही। शिक्षक ने एसएसपी से शिकायत की, जिसके बाद जांच साइबर पुलिस को दे दी गई।

लेफ्टिनेंट कर्नल के साथ हुई थी ठगी

30 नवंबर को लेफ्टिनेंट कर्नल के साथ इसी तरह ठगी की गई थी। ओएलएक्स डाट काम से लेफ्टिनेंट कर्नल ने आनलाइन कार आर्डर की। 60 हजार रुपये में तय हुए सौदे में से आरोपित ठग ने चार हजार रुपये एडवांस में ले लिए। फिर डिलीवरी के लिए सात हजार रुपये मांगे। तभी लेफ्टिनेंट कर्नल को ठगी का अंदेशा हुआ था। उन्होंने कैंट थाने में शिकायत कर मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

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