बरेली के कपूरपुर में पुल बनने की बढ़ी आस

जिले की दो बड़ी तहसीलों के बीच की दूरी घटने की आस बढ़ गई है। गुरुवार को नाबार्ड की टीम ने कपूरपुर घाट पर निरीक्षण कर ग्रामीणों से बातचीत भी की। पुल के निर्माण से 150 किमी की दूरी मात्र 15 किलोमीटर रह जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 06 Aug 2021 05:23 AM (IST) Updated:Fri, 06 Aug 2021 05:23 AM (IST)
बरेली के कपूरपुर में पुल बनने की बढ़ी आस
बरेली के कपूरपुर में पुल बनने की बढ़ी आस

बरेली, जेएनएन: जिले की दो बड़ी तहसीलों के बीच की दूरी घटने की आस बढ़ गई है। गुरुवार को नाबार्ड की टीम ने कपूरपुर घाट पर निरीक्षण कर ग्रामीणों से बातचीत भी की। पुल के निर्माण से 150 किमी की दूरी मात्र 15 किलोमीटर रह जाएगी।

मीरगंज और आंवला तहसील के लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए बरेली से होकर निकलना पड़ता है। यह फासला 150 किमी है। यहां के लोगों को राहत देने के लिए दोनों तहसीलों के बीच बहने वाली रामगंगा नदी पर हर साल 15 अक्टूबर से 15 जून तक पैंटून पुल बनाया जाता है, लेकिन उस पर बड़े वाहन नहीं निकल सकते हैं। बरसात में वहां नाव चलाई जाती है। इससे निजात के लिए सेतु निगम ने वहां शिवपुरी (आंवला) और मदनापुर (मीरगंज) के बीच करीब 780 मीटर लंबे पुल के निर्माण के लिए 78 करोड़ रुपये का एस्टीमेट तैयार कर शासन को भेजा। शासन ने नाबार्ड योजना के तहत एस्टीमेट स्वीकृति को रखा है। इससे पहले गुरुवार को नाबार्ड की टीम यामीन बेग के नेतृत्व में कपूरपुर घाट पर पहुंची। उनके साथ जिला प्रबंधक धर्मेंद्र मिश्रा और सेतु निगम के सहायक अभियंता दिलीप कुमार भी रहे। उन्होंने नदी किनारे का सर्वे किया। वहां पुल बनाने की संभावनाएं तलाशी। गांव के जितेंद्र सिंह, सोनू सिंह, दुर्गा प्रसाद, पूरनलाल, उदल राम, मान सिंह, पान सिंह ने लोगों की समस्याओं के बारे में भी टीम को बताया।

वर्जन

नाबार्ड की टीम ने कपूरपुर घाट पर जाकर सर्वे किया है। अब टीम अपनी रिपोर्ट शासन को मुहैया कराएगी। स्वीकृति मिलने पर पुल बनाया जाएगा।

- देवेंद्र सिंह, मुख्य परियोजना प्रबंधक, सेतु निगम

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