गन्ने को कैंसर से बचाने के लिए गन्ना विभाग ने उठा रहा ये कदम, खेतों में लगवा रहा उन्नतशील प्रजाति
किसानों के साथ चीनी मिलों के लिए फायदेमंद गन्ने की सीओ-0238 प्रजाति रोग की चपेट में है। पूर्वी एवं मध्य उत्तर प्रदेश में इस प्रजाति में लाल सड़न का प्रकोप बढ़ने से किसानों के साथ गन्ना विभाग भी परेशान है।
बरेली, जेएनएन। किसानों के साथ चीनी मिलों के लिए फायदेमंद गन्ने की सीओ-0238 प्रजाति रोग की चपेट में है। पूर्वी एवं मध्य उत्तर प्रदेश में इस प्रजाति में लाल सड़न का प्रकोप बढ़ने से किसानों के साथ गन्ना विभाग भी परेशान है। अब गन्ना विभाग इस प्रजाति को बदलने की तैयारी में जुट गया है। इसके स्थान पर कई अगेती प्रजातियों की बुवाई कराई जाएगी।
जिले में गन्ने का रकबा एक लाख चार हजार हेक्टेयर है। इसमें से 92 फीसदी सिर्फ सीओ-0238 प्रजाति का है। इसमें गन्ने का कैंसर माने जाने वाले रोग लाल सड़न रोग का प्रकोप बढ़ने लगा है। गन्ना विभाग इस प्रजाति के स्थान पर उन्नतशील प्रजातियों की बुवाई कराएगा। इसके लिए किसानों को गन्ना शोध केंद्रों से लेकर जनपद में तैयार कराई गई पौधशालाओं से बीज उपलब्ध कराया जा रहा है।
इन प्रजातियों पर दिया जा रहा जोर: गन्ना प्रजाति सीओ- 0238 के स्थान पर गन्ना विभाग अगेती प्रजातियों की बुवाई पर ही जोर रख रहा है। इसमें 13235 शाहजहांपुर की वैराइटी, 14021 लखनऊ की वैराइटी किसानों को मुहैया कराई जा रही है। 0118 करनाल की वैराइटी भी उपलब्ध है। सिंगल बटचिप विधि द्वारा महिला समूहों के माध्यम से किसानों को निर्धारित शुल्क पर मुहैया कराया जा रहा है।
लगातार बढ़ रहे रोग को देखते हुए जिले में गन्ना विभाग सीओ-0238 प्रजाति को धीरे-धीरे बदलाव करने की तैयारी में जुटा है। इसके लिए नई और उन्नतशील प्रजातियों के बीज किसानों को उपलब्ध कराए जाएंगे।- पीएन सिंह, जिला गन्ना अधिकारी