पूरे देश का प्रतिनिधित्व करेंगे केवी, नवोदय विद्यालय के होनहार Bareilly News

प्रोग्राम फॉर इंटरनेशनल स्टूडेंट असेसमेंट (पीसा) की रैंकिंग में सुधार लाने के लिए केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय के होनहार पूरे देश का प्रतिनिधित्व करेंगे।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Sun, 20 Oct 2019 01:25 PM (IST) Updated:Sun, 20 Oct 2019 05:57 PM (IST)
पूरे देश का प्रतिनिधित्व करेंगे केवी, नवोदय विद्यालय के होनहार Bareilly News
पूरे देश का प्रतिनिधित्व करेंगे केवी, नवोदय विद्यालय के होनहार Bareilly News

जेएनएन, बरेली : प्रोग्राम फॉर इंटरनेशनल स्टूडेंट असेसमेंट (पीसा) की रैंकिंग में सुधार लाने के लिए केंद्रीय विद्यालय और नवोदय विद्यालय के होनहार पूरे देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसके लिए बरेली समेत देश केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों के छात्रों और उनके शिक्षकों को ट्रेनिंग देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 2009 के बाद यह पहली बार है जब भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले इस रैंकिंग प्रोग्राम में दोबारा शामिल हो रहा है। गणित विषय में शिक्षकों को ट्रेनिंग देने के लिए केंद्रीय विद्यालय-2 जेएलए के शिक्षक एसएन त्रिपाठी को मास्टर ट्रेनर चुना गया। त्रिपाठी पूरे देश के शिक्षकों को इसके लिए ट्रेनिंग देंगे।

उन्होंने बताया कि पीसा वह प्लेटफार्म है जहां दुनियाभर के स्कूली छात्रों की बौद्धिक क्षमता का आकलन किया जाता है और फिर देशों को रैंकिंग दी जाती है। इसमें 15 आयु वर्ष के स्कूली छात्र शामिल होते हैं। यह रैकिंग आर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कोआपरेशन डेवलपमेंट (ओईसीडी) द्वारा की जाती है। आखिरी बार 2009 में भारत ने इसमें हिस्सा लिया था। तब इसमें दुनियाभर के 74 देशों ने हिस्सा लिया था और इसमें भारत को 72वां स्थान मिला था। इतनी बुरी स्थिति को देखने के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दस साल तक इसमें शिरकत ही नहीं की। अब 2021 में होने वाले रैंकिंग में फिर से शामिल होने का फैसला लिया गया है।

चंडीगढ़ के सभी स्कूल करेंगे शिरकत

बरेली सहित देशभर के नवोदय और केंद्रीय विद्यालय ही इस असेसमेंट प्रोग्राम में शामिल होंगे जबकि चंडीगढ़ के सभी स्कूलों के छात्रों को इसमें शामिल कराया जाएगा।

उन बच्चों पर अधिक फोकस जो 2021 में 15 साल के हो जाएंगे

एसएन त्रिपाठी ने बताया कि इस असेसमेंट प्रक्रिया में किसी भी छात्र से कोई भी तार्किक सवाल पूछा जा सकता है। इसलिए अभी से ऐसे छात्रों को तैयार किया जा रहा है जो 2021 तक 15 साल के हो जाएंगे। इन बच्चों की बौद्धिक क्षमता बढ़ाने के लिए इनोवेटिव तरीके से इन्हें पढ़ाया जा रहा है।

इन विषयों से पूछे जाएंगे सवाल मैथमेटिक्स रीडिंग फाइनेंशियल लिट्रेसी विज्ञान 

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